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पिले रंग का दुर्लभ कछुआ ओडिशा के बालेश्वर में मिला , लोकोने उसे वन विभाग को सोपा

ओडिशा के बालेश्‍वर जिले में लोगों ने एक दुर्लभ प्रजाति के पीले रंग के कछुए (yellow colored Turtle) को बचाकर वन विभाग को सौंप दिया है।

बालेश्‍वर

 ओडिशा में बालेश्‍वर जिले के सुजानपुर गांव के स्‍थानीय लोगों ने एक पीले रंग के कछुए (yellow colored Turtle) को बचाया है। दुर्लभ प्रजाति के इस कछुए को बाद में वन‍ विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया गया। वाइल्डलाइफ वार्डन बी आचार्य का कहना है कि, “यह एक दुर्लभ प्रजाति का कछुआ है, मैंने इस तरह का कछुआ पहले कभी नहीं देखा।”

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सामान्यत: कछुआ मटमैले रंग के पाये जाते हैं। पीले रंग का कछुआ शायद ही कभी किसी ने देखा होगा। हालांकि पीले रंग के कछुए का एक वीडियो वायरल हो रहा है। बालेश्वर जिले के सोरो थाना अन्तर्गत साजनपुर गांव में यह विरल प्रजाति का कछुआ देखा गया है। ये कछुआ साजनपुर गांव के वासुदेव महापात्र नामक किसान की जमीन पर पाया गया है। रविवार को वासुदेव ने अपनी जमीन में काम करते करते हुए यह कछुआ देखा था। कछुए को पकड़कर वह अपने घर ले आया।

 इस विरल किस्म के कछुए को देखने के लिए आस-पास के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इसके बाद वासुदेव ने इस कछुए को वन विभाग को सौंप दिया गया। आइएफएश सुशांत नंद द्वारा इस वीडियो को ट्वीट करने के बाद यह वीडियो वायरल हो गया है। सुशांत नंद ने अपने ट्वीट में लिखा है कि शायद यह एक अल्बिनो था। उन्होंने एक जहाज के अंदर से पानी में तैरते हुए कछुए का वीडियो भी शेयर किया। उनका कहना था कि “कुछ वर्ष पहले सिंध में स्थानीय लोगों द्वारा इस तरह के एक कछुए को बचाया गया था।” गुलाबी आंखें ऐल्बिनिज़म की एक सांकेतिक विशेषता है। ट्विटर पर कई लोगों ने कमेंट करते हुए बताया कि उन्‍होंने इससे  कि उन्होंने पहले कभी पीले रंग का कछुआ नहीं देखा था। 

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