Business Full Form – बिजनेस का फुल फॉर्म क्या है ?
दोस्तों अगर आप Business Full Form के बारे में जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है, इस आर्टिकल में आपको जानने को मिलेगी की बिजनेस क्या होता है तथा इसका फुल फॉर्म क्या है।
बिजनेस क्या है?
आसान भाषा में इसका परिभाषा होता है किसी प्रोडक्ट या सर्विस को कम दाम में बनाकर या खरीदकर उसे ज्यादा दाम में बेंचकर मुनाफा कमाना ही बिजनेस कहलाता है।
बिजनेस के प्रकार
वैसे तो बिजनेस कई प्रकार के होते हैं लेकिन इसको मुख्यतया चार कैटेगरी में बांटा गया है –
1. Traditional Business
2. Franchise Business
3. Salesman Business
4. Direct Selling Business
“बिजनेस” का पूर्ण रूप होता है “व्यापार”।
बिजनेस के कई लाभ होते हैं, जैसे कि:
आर्थिक स्वतंत्रता: व्यापार करने से व्यक्ति आर्थिक स्वतंत्र होता है। वह अपने स्वयं के विचारों और काम के आधार पर अपना व्यवसाय चला सकता है।
रोजगार सृजन: व्यापार के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं, जिससे उनका आर्थिक स्थिति मजबूत होता है।
समाज में योगदान: व्यापार करने वाले लोग समाज में योगदान करते हैं, नौकरियाँ प्रदान करके और उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से।
आर्थिक विकास: व्यापार के माध्यम से निवेश और उत्पादन बढ़ता है, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
सामाजिक सुरक्षा: व्यापार करने से लोग अपनी सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाते हैं, क्योंकि उन्हें अधिक आर्थिक संसाधन प्राप्त होते हैं।
इसके अलावा, व्यापार के माध्यम से नए आइडियाओं का संचार होता है, नए उत्पादों और सेवाओं की विकास प्राप्त होती है, और नई नई तकनीकियाँ और उत्पादों का निर्माण होता है जो समृद्धि में मदद करता है।
बिजनेस का पूर्ण अर्थ जानने के लिए यहाँ तकि हम व्यापार को बेहतर समझ सकें। व्यापार का पूर्ण अर्थ होता है किसी भी क्रिया या उद्यम में लाभ कमाने के लिए डिज़ाइन किया गया प्रक्रिया/प्लेटफ़ॉर्म।
बिजनेस विभिन्न रूपों में हो सकता है, जैसे छोटे व्यवसाय, साझेदारी, निगम, औद्योगिक संगठन, ऑनलाइन लेन-देन, ऑनलाइन उत्पादों या सेवाओं की बिक्री, ऑफलाइन उत्पादों या सेवाओं की बिक्री। और अन्य लाभ कमाने वाले संगठनों को भी व्यापार के रूप में माना जाता है।
व्यापार का पूर्ण अर्थ कई तरीकों में जाना जाता है, जिसमें निम्नलिखित प्रकार का व्यापार शामिल है:
व्यापार
व्यवसाय
वाणिज्य
खरीद और बिक्री
व्यापार एक उत्पाद या सेवा की बिक्री और खरीद को संदर्भित करता है जो बाजार में नई सोच को प्रेरित करता है, लेकिन इसे किसी भी समाज से प्रभावित नहीं किया जाता है। व्यापार को कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि उद्यम, व्यवसाय, और विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न नामों से।
व्यापार को एक प्रदर्शन माना जाता है जहां उद्यमियों का उद्देश्य लाभ कमाना होता है। यह देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में बड़ा योगदान देता है।
व्यवसाय की प्रक्रिया को समझने का सबसे सरल तरीका यह है कि जो कंपनी लाभ कमाने की प्रक्रियाओं का अनुसरण करती है, उसे व्यवसाय कहा जाता है।
अगर आपका प्रश्न है कि कंपनी उत्पाद/सेवाओं का निर्माण करती है, तो क्या उसे भी व्यवसाय कहा जाएगा? या अगर कंपनी उत्पाद या सेवा निर्माण नहीं करती है, तो भी क्या उसे व्यवसाय कहा जाएगा?
तो मेरा उत्तर दोनों प्रश्नों में सरल है कि आप दोनों प्रकार के व्यवसाय को भी व्यवसाय ही कहेंगे। जो कंपनी उत्पाद निर्माण करती है, उसे बड़े स्तर का व्यवसाय कहा जाता है। और जो कंपनी उत्पाद नहीं निर्माण करती है, लेकिन बिक्री और खरीद करती है जिससे लाभ कमाती है, उसे भी व्यवसाय कहा जाता है।
व्यवसाय का उद्देश्य क्या है?
सभी आर्थिक, वाणिज्यिक, और व्यवसायिक गतिविधियाँ व्यवसाय के एक बड़े पहलु का हिस्सा होती हैं। इसलिए, व्यवसाय का उद्देश्य बहुत महत्वपूर्ण है कि व्यवसाय का महत्व देश की अर्थव्यवस्था, समाज को उच्च स्थिति प्रदान करना है, और लोगों की आवश्यकताओं के लिए समान या समय पर उत्पाद/सेवाओं को प्रदान करना है।
इन सभी प्रक्रियाओं के लाभ को व्यापार कहा जाता है और व्यवसाय का उद्देश्य इन सभी चीजों को पूरा करना होता है। चाहे वह अर्थव्यवस्था हो या समाज की देखभाल हो या लोगों की आवश्यकताओं का समर्थन हो, जैसे कोई भी उत्पाद या सेवा। व्यवसाय का उद्देश्य सभी यहाँ सभी चीजें सही समय पर सही तरीके से उपलब्ध कराना है।
ध्यान दें:-
व्यवसाय देश की आर्थिक स्थिति में वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, व्यवसाय में सिर्फ व्यापार की वृद्धि नहीं होती है, बल्कि व्यवसाय में सभी कर्मचारियों और समाज भी शामिल होते हैं। इसलिए, कहा जाता है कि देश की आर्थिक स्थिति को और भी सुधारा जा सकता है, व्यवसाय पर निर्भर करता है।