यदि आप बार-बार एसा महसूस कर रहे हैं, तो अपने तंत्रिका तंत्र को वापस संतुलन में लाने के लिए कार्रवाई करने का समय आ गया है। आप अपने आप की रक्षा कर सकते हैं – और सुधार कर सकते हैं कि आप कैसे सोचते हैं और महसूस करते हैं – पुराने तनाव के संकेतों और लक्षणों को पहचानना सीखकर और उनके हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए कदम उठाएं।
अगर तनाव लंबे वक्त तक रहे तो ये हमारे इम्युनिटी सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा बाहरी बीमारियों से निपटने की हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमता भी प्रभावित होती है।
Stress Symptoms – स्ट्रेस के लक्षण
इम्युनिटी सिस्टम
तनाव की स्थिति में हम शरीर की ऊर्जा का एक बहुत बड़ा भाग उससे निपटने में गंवा देते हैं। ऐसे में शरीर का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है।
हृदय को नुकसान
कई बार थोड़ा सा भी तनाव हार्ट रेट को बढ़ा देता है और हृदय की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में हृदय द्वारा पंप किए गए रक्त को शरीर के दूसरे हिस्से में ले जाने वाली रक्त वाहिकाओं में अवरोध होता है। ऐसी स्थिति में दिल के दौरे की भी आशंका बढ़ जाती है।
श्वास संबंधी बीमारी
गैस्ट्रियोइंटेस्टाइनल सिस्टम- तनाव की अवस्था का कई बार सीधा प्रभाव हमारी भूख पर भी पड़ता है। ऐसी स्थिति में हम बहुत अधिक या बहुत कम खाते हैं। कई बार अल्कोहल या तंबाकू का सेवन भी बहुत अधिक करते हैं।
नींद ना आने की समस्या
जायदा सोचने की और भूल जाने की समस्याओं , हर वक्त टेंशन या बेचैनी महसूस करना।
ध्यान न लगना
ध्यान केंद्रित न करना और काम में संघर्ष करना।
विचित्र अनुभव होना, उन चीजों का दिखना जो वहां हैं ही नहीं।
इसके अलावा टेंशन के कुछ शारीरिक लक्षण भी हो सकते हैं जिनमें सिरदर्द, कब्ज या किसी खास अंग या शरीर में दर्द होना शामिल है।
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