The Lion and The Mouse Story : जंगल में भूख से पीड़ित एक चूहा इधर – उधर फिर रहा था। तभी उसे एक गुफा की तरफ से मांस की गंध आयी। चूहा लपककर गुफा में पहुँच गया,भूख बहुत जोरो से लगी थी सो पलक झपकते ही सारे मांस के टुकड़े चट कर गया। बस लम्बी सी डकार ले वहीँ कोने में सो गया। शिकार से लौटा गुफा का मालिक शेर आ पहुँचा।उसकी नजर गुफा के बीचो बीच सोये चूहे पर गयी। शेर ने चूहे को भागते देख उसे पकड़ लिया। अब चूहा गिड़गिड़ाने लगा ”मुझे पता होता कि यह जंगल के राजा की गुफा है तो मैं कभी इतनी हिम्मत न करता। मुझ गरीब को छोड़ दो।” और चूहा जोर जोर से रोने लगा। शेर ने भी सोचा कि इस चूहे को खा कर तो मेरे दांत भी गीले न होंगे। पर तभी उसे एहसास हुआ कि गुफा में इतनी सफाई इसी चूहे की वजह से हुई है। उसने चूहे को छोड़ कहा ” देखो, मैं तुम्हे नहीं खाऊँगा। तुम अगर चाहो तो मेरे मित्र बनकर यहाँ रह सकते हो।” ये सुन चूहे को यकीन ही न हुआ। तब शेर ने उसे समझाया ” मैं शिकार कर के लाता हूँ और फिर गुफा में बैठ कर खाता हुँ। अक्सर खाते हुए मांस के छोटे-छोटे टुकड़े यहाँ वहां गिर जाते हैं। और फिर कुछ देर बाद उनसे दुर्गन्ध आने लगती है। तुम आराम से यहाँ रहो और अपना पेट भरो और बदले में गुफा साफ़ हो जाया करेगी।” और इस तरह एक दुसरे का दोस्त बन चूहा और शेर एक ही गुफा में रहने लग गए।
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