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Blood Group of A Positive : ब्लड ग्रुप “A” का क्या अर्थ है?

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a positive blood group in hindi : ब्लड ग्रुप को मुख्यतः 4 वर्गों में बांटा गया है जिनके नाम हैं;A, B, AB और O. रक्त यह का एक वर्गीकरण, एंटीबॉडी की उपस्थिति और अनुपस्थिति पर निर्भर करता है. इसके अलावा इसका वर्गीकरण, लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) और विरासत में मिले एंटीजन पदार्थों पर भी निर्भर करता है. आइए हम ब्लड ग्रुप टाइप “A”  और एबीओ सिस्टम के बारे में विस्तार से पढ़ें.

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हम जानते हैं कि ए, बी, एबी और ओ नामक चार रक्त समूह या रक्त होते हैं. आपका रक्त समूह उन जीनों से निर्धारित होता है जो आपको अपने माता-पिता से विरासत में मिले होते हैं.

A ब्लड टाइप (A positive blood group in hindi)के बारे में विस्तार से जाने से पहले आइए हम एंटीबॉडी और एंटीजन के बारे में समझें.

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रक्त में लाल रक्त कोशिकायें (RBCs), सफेद रक्त कोशिकायें (WBCs) और प्लेटलेट्स होते हैं जिन्हें प्लाज्मा के रूप में जाना जाता है. रक्त का लगभग आधा यानी 45% हिस्सा रक्त कोशिकाओं (लाल और सफेद) से बना होता है जबकि शेष 55% प्लाज्मा से बना होता है.

एंटीबॉडी कुछ और नहीं बल्कि प्लाज्मा में पाया जाने वाला प्रोटीन है. वे शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा का हिस्सा होते हैं. ये एंटीबॉडी उन बाहरी पदार्थों को पहचानते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ये एंटीबॉडी ही शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बाहरी जर्म्स से लड़ने के लिए अलर्ट करते हैं. दूसरी ओर एंटीजन, लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर पाए जाने वाले प्रोटीन अणु हैं.

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लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर एंटीजन नामक प्रोटीन की उपस्थिति एक व्यक्ति के ब्लड ग्रुप को बताता है. यदि एंटीजन, A रक्त प्रकार में मौजूद है, तो एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप A होगा, जबकि यदि एंटीजन B मौजूद है, तो एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप B कहा जायेगा. इसी प्रकार से अन्य ब्लड ग्रुप तय होते हैं. यदि कोई भी एंटीजन मौजूद नहीं है तो व्यक्ति 
का ब्लड ग्रुप ‘O’ होगा.

रक्त समूह विस्तार से (Blood Groups in detail)

मुख्य रूप से एबीओ प्रणाली द्वारा परिभाषित चार रक्त समूह हैं. (Four Blood Groups)

1. Blood Group A: इसमें लाल रक्त कोशिकाओं पर एक एंटीजन होता है जबकि प्लाज्मा में एंटी-बी एंटीबॉडी होता है 

2. Blood Group B: इसमें प्लाज्मा में एंटी-ए एंटीबॉडी के साथ बी एंटीजन होते हैं.

3. Blood Group O: इसमें कोई एंटीजन नहीं है, लेकिन प्लाज्मा में एंटी-ए और एंटी-बी दोनों एंटीबॉडी होते हैं.

4. Blood Group AB: इसमें A और B दोनों एंटीजन होता है और कोई एंटीबॉडी नहीं होता है.

ऐसा कहा जाता है कि गलत एबीओ समूह से रक्त प्राप्त करना जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है. उदाहरण के लिए, यदि किसी का बी ब्लड ग्रुप है और वह ए ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को ब्लड देता है तो उसका एंटी-ए एंटीबॉडी ग्रुप ए सेल्स पर हमला करेगा.

इसीलिए ब्लड ग्रुप A वाले व्यक्ति को ब्लड ग्रुप B वाले व्यक्ति को रक्त नहीं देना चाहिए और इसके विपरीत भी ऐसा ही होना चाहिए.
और दूसरी तरफ ब्लड ग्रुप ‘O’  में न तो ए और न ही एंटीजन हैं, इसलिए यह सुरक्षित रूप से किसी अन्य ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है.

‘A’ प्रकार का खून (A positive blood group in hindi)
रक्त की बूँद में लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं. इसमें सफेद रक्त कोशिकाएं भी होती हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं, और प्लेटलेट्स जो रक्त को थक्का बनाने में मदद करते हैं.

हम सभी 8 प्रकार के ब्लड के प्रकारों से परिचित हैं. इनके नाम हैं;

A-पॉजिटिव 

A-नेगेटिव 

B-पॉजिटिव

B-नेगेटिव 

AB-पॉजिटिव

AB-नेगेटिव 

O-पॉजिटिव

O-नेगेटिव 
ये ABO और Rh + और Rh- ब्लड ग्रुप सिस्टम हैं

पहले हम A+ ब्लड ग्रुप के बारे में अध्ययन करेंगे;

यदि किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप A+ है तो उसके रक्त में टाइप-ए एंटीजन होता है, जिसे रीसस rhesus (Rh)  कारक के रूप में जाना जाता है. एंटीजन मूल रूप से रक्त कोशिका की सतह पर मार्कर होते हैं.

अमेरिकन रेड क्रॉस के अनुसार, यह सबसे आम रक्त प्रकारों (most common blood types) में से एक है.

लोगों के पास A+ रक्त प्रकार क्यों होता है (Why people have an A+ blood type)

रक्त का प्रकार आनुवांशिकी पर निर्भर करता है. यदि किसी व्यक्ति के पास ब्लड टाइप A  है, इसका अर्थ है कि उसके माता-पिता के रक्त के संभावित संयोजन (possible combinations) निम्न प्रकार के हो सकते हैं.

AB और AB

AB और B

AB और A

AB और O

A और B

A और A

O और A

अगर माता-पिता में निम्न प्रकार के रक्त के संयोजन होते हैं, तो बच्चे में ‘A’ प्रकार का रक्त नहीं हो सकता है:

B और B

O और B

O और O

नोट: इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि किसी विशेष प्रकार के रक्त समूहों का व्यक्तित्व किसी विशेष प्रकार का ही होता है. यह जापानी संस्कृति में एक सतत सिद्धांत है जिसे “केत्सुकिगाता” (“ketsuekigata) कहा जाता है.

जो लोग इस सिद्धांत में विश्वास करते हैं, उनका मानना है कि A ब्लड टाइप वाले लोगों के व्यक्तिगत लक्षण; तनाव, जिद्दी, जोशीले, जिम्मेदार, शांत, अंतर्मुखी, समझदार और रचनात्मक होते हैं.

हाल ही में एक नए चीनी अध्ययन से पता चला है कि A ब्लड टाइप वाले लोगों में अन्य रक्त समूह प्रकारों की तुलना में कोरोनावायरस का संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, टाइप “ओ” रक्त समूह वाले लोग किसी भी अन्य रक्त समूह के लोगों की तुलना में वायरस के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते हैं. आइए हम देखें कि यह क्या है?

शोधकर्ता, कोरोनावायरस के एपिसेंटर, वुहान और शेन्ज़ेन शहर में COVID -19 का अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने पाया कि टाइप-ए ब्लड ग्रुप के मरीज़ों में कोरोना वायरस से संक्रमित और मारे जाने वाले लोगों की संख्या इसी ब्लड टाइप के लोगों की तुलना में सबसे अधिक है. 

आगे के अध्ययन से पता चलता है कि टाइप “ओ” ब्लड ग्रुप के लोग कोरोना से सबसे कम संक्रमित और मारे गए थे.
वुहान से बाहर स्थित सेंटर फॉर एविडेंस-बेस्ड एंड ट्रांसलेशनल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने लिखा कि “रक्त समूह ए के लोगों को संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए विशेष रूप से ज्यादा व्यक्तिगत सतर्कता की आवश्यकता हो सकती है”.

वांग ज़िंगहुआन की अगुवाई में टीम ने “प्रारंभिक” अध्ययन को स्टडी किया. आपको बता दें कि शोध Medrxiv.org पर प्रकाशित हुआ था. इसने वुहान और शेनझेन में कोरोनोवायरस से संक्रमित 2,173 लोगों के रक्त की तुलना वुहान क्षेत्र में 3,694 से अधिक स्वस्थ निवासियों से की थी. 

यह पाया गया कि वुहान के 31.16 प्रतिशत निवासियों में रक्त टाइप ए और स्थानीय वुहान जिनिन्टन अस्पताल ( Jinyintan Hospital) में 37.75 प्रतिशत लोग इसी ब्लड टाइप के थे जो कि कोरोनोवायरस से संक्रमित थे.

अस्पताल में कोरोनोवायरस रोगियों के मामलों के नमूने से पता चलता है कि सामान्य आबादी में 33.84 प्रतिशत की तुलना में 25.8 प्रतिशत रक्त में टाइप “ओ” था.

इसके अलावा, अध्ययन में 206 रोगियों की भी जांच की गई, जो कोरोनोवायरस से मारे गए थे.इन 85 पीड़ितों या 41.26 प्रतिशत लोगों में टाइप ए रक्त था जबकि टाइप ओ ब्लड वाले मरने वाले  की लोगों की संख्या 52 थी.

So here are the full details about “A positive blood group in hindi“.

नोट: टियांजिन गाओ यिंगडाई शहर में शोधकर्ता ने बताया कि ” इस रिसर्च का मतलब यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि सभी संक्रमित व्यक्ति केवल टाइप A ब्लड टाइप के होंगे और ब्लड टाइप ‘O’के सभी लोग 100% सुरक्षित होंगे.

इसलिए इस वायरस से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है जैसे कि लगातार इंटरवल पर अपने हाथ धोएं और अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें ”.

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