Bajrang baan
बजरंग बाण, हिंदू धर्म के एक प्रमुख पौराणिक पाठ है जो भगवान हनुमान की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है। यह पाठ हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और विशेषतः हनुमान भक्तों के बीच विशेष पसंद किया जाता है
दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान ॥
जय हनुमन्त संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।।
जन के काज बिलम्ब न कीजै । आतुर दौरि महासुख दीजै ।।
जैसे कूदी सिन्धु महि पारा । सुरसा बदन पैठी विस्तारा ।।
आगे जाय लंकिनी रोका । मारेहु लात गई सुर लोका ।।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा । सीता निरखि परम-पद लीना ।।
बाग उजारि सिन्धु मह बोरा । अति आतुर जमकातर तोरा ।।
अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेटि लंक को जारा ।।
लाह समान लंक जरि गई । जय-जय धुनि सुरपुर में भई ।।
अब बिलम्ब केहि कारन स्वामी । कृपा करहु उर अन्तर्यामी ।।
जय जय लखन प्रान के दाता । आतुर होई दु:ख करहु निपाता ।।
जै गिरिधर जै जै सुख सागर । सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ओम हनु हनु हनु हनुमंत हठीले । बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
गदा बज्र लै बैरिहि मारो । महाराज प्रभु दास उबारो ।।
ओंकार हुंकार महाप्रभु धाओ । बज्र गदा हनु विलम्ब न लाओ ।।
ओम ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा । ओम हुं हुं हुं हनु अरि उर-सीसा॥
सत्य होहु हरी शपथ पायके । राम दूत धरु मारू जायके
जय जय जय हनुमन्त अगाधा । दुःख पावत जन केहि अपराधा ।।
पूजा जप-तप नेम अचारा । नहिं जानत हो दास तुम्हारा ।।
वन उपवन मग गिरि गृह मांहीं । तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।।
पायं परौं कर जोरी मनावौं । येहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।
जय अंजनी कुमार बलवंता । शंकर सुवन वीर हनुमंता ।।
बदन कराल काल कुलघालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक ।।
भूत प्रेत पिसाच निसाचर। अगिन वैताल काल मारी मर ।।
इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की । राखउ नाथ मरजाद नाम की ।।
जनकसुता हरि दास कहावो । ताकी शपथ विलम्ब न लावो ।।
जै जै जै धुनि होत अकासा । सुमिरत होत दुसह दुःख नासा ।।
चरण शरण कर जोरि मनावौं । यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।
उठु उठु चलु तोहि राम-दोहाई । पायँ परौं, कर जोरि मनाई ।।
ओम चं चं चं चं चपल चलंता । ओम हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता ।।
ओम हं हं हाँक देत कपि चंचल । ओम सं सं सहमि पराने खल-दल ।।
अपने जन को तुरत उबारौ । सुमिरत होय आनंद हमारौ ।।
यह बजरंग बाण जेहि मारै। ताहि कहो फिर कोन उबारै ।।
पाठ करै बजरंग बाण की । हनुमत रक्षा करैं प्रान की ।।
यह बजरंग बाण जो जापैं । ताते भूत-प्रेत सब कापैं ।।
धूप देय अरु जपै हमेशा । ताके तन नहिं रहै कलेसा ।।
दोहा : प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान ।
तेहि के कारज सकल सुभ, सिद्ध करैं हनुमान ।।
परिचय
बजरंग बाण एक हिंदू धार्मिक प्रार्थना है जो भगवान हनुमान को समर्पित है। इसे भक्तगण संकटों से मुक्ति पाने और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए पाठ करते हैं। बजरंग बाण का पाठ अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और यह भक्तों को आत्मविश्वास और शक्ति प्रदान करता है।
बजरंग बाण का महत्व
बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। यह संकटों से उबरने में मदद करता है और भगवान हनुमान की कृपा से सभी बाधाओं को दूर करता है। इसे भक्तगण विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को पढ़ते हैं।
बजरंग बाण के लाभ
संकटों से मुक्ति: बजरंग बाण का पाठ करने से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
आत्मविश्वास बढ़ाना: यह प्रार्थना आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाती है।
शत्रु नाश: बजरंग बाण का पाठ शत्रुओं से रक्षा करता है और उन्हें पराजित करने में मदद करता है।
शांति: यह मन को शांति और संतोष प्रदान करता है।
बजरंग बाण का पाठ कैसे करें
साफ-सुथरे स्थान का चयन करें:
बजरंग बाण का पाठ करने के लिए साफ और शांत स्थान का चयन करें।
भगवान हनुमान की प्रतिमा या चित्र:
हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
पूजा सामग्री:
लाल फूल, चंदन, कपूर, और प्रसाद तैयार रखें।
स्नान और स्वच्छता:
स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
ध्यान और एकाग्रता:
भगवान हनुमान का ध्यान करें और मन को एकाग्र करें।
बजरंग बाण का पाठ:
श्रद्धा और विश्वास के साथ बजरंग बाण का पाठ करें।
FAQs
प्रश्न: बजरंग बाण का पाठ कब करना चाहिए?
उत्तर: बजरंग बाण का पाठ विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को करना चाहिए।
प्रश्न: बजरंग बाण का पाठ किसके लिए फायदेमंद होता है?
उत्तर: बजरंग बाण का पाठ संकटों से मुक्ति पाने, आत्मविश्वास बढ़ाने, शत्रु नाश करने, और मन की शांति के लिए फायदेमंद होता है।
प्रश्न: बजरंग बाण का पाठ कैसे करें?
उत्तर: स्वच्छ स्थान का चयन करके, हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाकर, श्रद्धा और विश्वास के साथ बजरंग बाण का पाठ करें।
प्रश्न: बजरंग बाण का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
उत्तर: संकटों से मुक्ति, आत्मविश्वास बढ़ाना, शत्रु नाश, और मन की शांति।
प्रश्न: क्या बजरंग बाण का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?
उत्तर: हां, लेकिन विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को करना अधिक प्रभावी माना जाता है।
प्रश्न: बजरंग बाण का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: इसे कम से कम एक बार पूरी श्रद्धा के साथ करना चाहिए। आवश्यकता अनुसार कई बार भी कर सकते हैं।
प्रश्न: बजरंग बाण का पाठ किसके सामने करना चाहिए?
उत्तर: भगवान हनुमान की प्रतिमा या चित्र के सामने करना चाहिए।
प्रश्न: बजरंग बाण का पाठ करने से क्या मानसिक लाभ होते हैं?
उत्तर: यह मानसिक शांति, संतोष, और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
डिसक्लेमर
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