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Cycle Ka Avishkar – साइकिल का इतिहास और महत्व: पेदल चलाने की सुंदर यात्रा

Cycle ka Itihaas

Cycle Ka Avishkar – साइकिल का आविष्कार किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं किया गया था | साइकिल का विकास कई विभिन्न वैज्ञानिक और मुहूर्त इतिहासकारों के संयोजन से हुआ था | ऐसा माना जाता है कि 1817 में जर्मनी के बैरन फॉर्न ड्रेविस ने साइकिल की रूपरेखा तैयार की यह लकड़ी की बनी साइकल थी | तथा इसका नाम ड्रेसीयन रखा गया था | उस समय इन साइकिल की गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा थी | इसका अल्प प्रयोग 1830 से 1842 के बीच हुआ था |

1860 में पहली बार फ्रांस में ही 2 पहियों वाली सवारी को बाइसिकल या साइकिल कहां गया | about.com के अनुसार फ्रांसिस पिता पुत्र की जोड़ी पीयर ऐंड एनेस्ट । आधुनिक साइकिल का आविष्कार माना जाता है | यह दो नहीं तीन phiyo वाली साइकिल थी उसे उन्होंने बनाया था |

दुनिया की इस पहली साइकिल का इनोवेशन आज से लगभग 200 साल पहले यानी 1817 में हुआ था | भारत में साइकिल का आविष्कार 1942 में एक हिंदी साइकिल नाम की कंपनी द्वारा शुरू किया गया था |

भारत में नंबर वन साइकिल कंपनी हीरो साइकिल है जो प्रतिवर्ष 7.5, मिलियन से अधिक साइकिल की उत्पादन क्षमता और 43 टका से अधिक की बाजार हिस्सेदारी के साथ अग्रणी है

साइकिल के मुख्य तीन प्रकार होते हैं

MTV Cycle -: मोटे टायर वाली बाइक होती है

Hybrid cycle – हाइब्रिड साइकिल वह होती है जो ऑफरोड और ऑनरोड दोनों पर आराम से चल सकती है लेकिन बहुत ज्यादा गड्ढे या उबर खबर होने पर इसके रिंग मुड़ने का डर रहता है |

यह साइकिल बहुत ही पतले टायर वाली होती है |

यह व्यक्तिगत यातायात का सबसे ताकतवर व किफायती साधन था विश्व साइकिल दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2018 में की गई थी | अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का फैसला लिया | और इसके लिए 3 जून का दिन तय किया गया | इसके बाद पहली बार 3 जून 2018 को यह दिन सेलिब्रेट किया गया था |

बाद में बदलते समय के साथ साइक्लो को नए और सटीक डिजाइन और तकनीकों के साथ विकसित किया गया | और आजादी के साथ इसे आधुनिक साईकिल के रूप में माना जाता है |

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