KGF Movie – Real story of Kolar Gold Fields: क्या है उस खदान की कहानी जिसे सुपरस्टार यश की फिल्म KGF में दिखाया गया, यहां की खदान से सोना निकालने की शुरुआत कैसे हुई और आज इसके हालात क्या हैं? जानिए, इन सवालों के जवाब..
केजीएफ के पहले पार्ट से ही दर्शकों को इसके सीक्वल का ब्रेसब्री से इंतजार था| हाल में इसका सीक्वल केजीएफ चैप्टर 2 (KGF-2) रिलीज हुआ| यह फिल्म रिकॉर्ड बना रही है| अब तक करीब 200 करोड़ रुपये कमा चुकी है. KGF का पूरा नाम है कोलार गोल्ड फील्ड्स (Kolar Gold Fields). सुपरस्टार यश की यह फिल्म कर्नाटक (Karnataka) के कोलार में मौजूद सोने की खदानों (Gold Mines) पर आधारित है. ये ऐसी खदान है जहां कभी लोग इन्हें हाथ से खोदते थे और सोना निकाल लेते थे. 121 साल के इतिहास में इस खदानों से करीब 900 टन सोना निकाला जा चुका है|
क्या है उस खदान की कहानी जिसे सुपरस्टार यश की फिल्म केजीएफ में दिखाया गया, यहां की खदान से सोना निकालने की शुरुआत कैसे हुई और आज इसके हालात क्या हैं? जानिए, इन सवालों के जवाब…
दुनिया की दूसरी सबसे गहरी खदान
जिस सोने की खदान को फिल्म में दिखाया गया है वो कर्नाटक के कोलार जिले के मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर रोबर्ट्सनपेट नाम की तहसील में है. दक्षिण अफ्रीका की पोनेंग गोल्ड माइंस के बाद कोलार गोल्ड फील्ड्स की गिनती दुनिया की दूसरी सबसे गहरी खदान में की जाती है|
इस खान के बारे में कई कहानियां प्रचलित थीं. इन्हें सुनकर ब्रिटिश सरकार के लेफ्टिनेंट जॉन वॉरेन यहां पहुंचे. केजीएफ की सच्चाई जानने के लिए जॉन ने गांव वालों को एक चुनौती दी. उन्होंने कहा, जो भी शख्स खदान से सोना निकालकर दिखाएगा उसे इनाम दिया जाएगा. इनाम पाने की चाहत में गांववाले बैलगाड़ी में खदान की मिट्टी भरकर जॉन के पास पहुंचे. जॉन ने मिट्टी को जांचा तो वाकई में उसमें सोने के अंश मिले. उस दौर में जॉन ने खदान से 56 किलो सोना निकलवाया था. इसके बाद 1804 से 1860 के बीच सोना निकालने की काफी कोशिशे हुईं, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा. इस दौरान कई लोगों की मौत होने के कारण खदान में खुदाई बंद करा दी गई.
1871 में इस खदान पर रिसर्च शुरू हुई. दरअसल, रिटायर्ड ब्रिटिश सैनिक माइकल फिट्जगेराल्ड लेवेली ने 1804 में एशियाटिक जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट पढ़ी जिसमें कोलार की इसी सोने की खदान का जिक्र था. लेवेली काफी उत्साहित हुए और भारत आए. उन्होंने खदान के 100 किलोमीटर के दायरे में सफर किया और उन जगहों को चिन्हित किया, जहां सोना मिल सकता है. नतीजा, वो सोने के भंडार वाली जगहों को खोजने में सफल रहे.
मैसूर के महाराज ने जारी किया था खनन का लाइसेंस
पहली सफलता के बाद जॉन ने 1873 में मैसूर के महाराज से खनन करने के लिए लाइसेंस जारी करने की अनुमति मांगी. महाराजा ने 2 फरवरी, 1875 को लाइसेंस जारी किया. जॉन ने इसके लिए निवेशक ढूंढे और खनन का काम ब्रिटिश कंपनी जॉन टेलर एंड संस को सौंपा. इस तरह केजीएफ से सोना निकलने का काम शुरू हो गया|
कभी देश का 95% सोना यहां से निकलता था, आज है खंडहर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उस दौर में भारत में जितना भी सोना निकलता था उसका 95 फीसदी इसी केजीएफ से आता था. इस तरह भारत सोना पैदा करने के मामले में छठे पायदान पर पहुंच गया था.|
1930 में कोलार गोल्ड फील्ड में सोने का भंडार घटने लगा. भारत के आजाद होने तक इस पर अंग्रेजों का ही नियंत्रण रहा. आजादी के बाद 1956 में यह खदान केंद्र के नियंत्रण में चली गई. वर्तमान में यह खदान खंडहर में तब्दील हो गई है. सोना निकालने के लिए जो सुरंगें खोदी गई थीं, वहां अब पानी भरा है. विशेषज्ञों का कहना है, केजीएफ में अभी सोना तो है, लेकिन जो खदान के वर्तमान हालात हैं उससे साफ है कि यहां जितना भी सोना है उससे ज्यादा लागत तो उसे निकालने में आ जाएगी.
KGF के बारे में इंटरेस्टिंग बातें
KGF से बैंगलोर के लिए यात्री रेल “स्वर्ण एक्सप्रेस” दुनिया की सबसे लंबी यात्री रेल है।
फेफड़ों की बीमारी खनन से उत्पन्न धूल के कारण होने वाले सिलिकोसिस की खोज सबसे पहले केजीएफ में हुई थी।
KGF तीन देशों – भारत, जापान और यूनाइटेड किंगडम की संयुक्त परियोजना रही है।
कोटलिंगेश्वर सबसे प्रसिद्ध भगवान शिव मंदिर है जो केजीएफ के पास है।
राष्ट्रीय खनिक स्वास्थ्य संस्थान का मुख्यालय कोलार गोल्ड फील्ड क्षेत्र में है।
1965 में KGF में पहली आयनकारी विकिरण हुई।
केजीएफ क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति के लिए शिवनसमुद्र में पहला भारतीय जलविद्युत संयंत्र बनाया गया था।
केजीएफ गोल्ड फील्ड उन्नीसवीं सदी में भारत के 95% सोने का उत्पादन कर रहा था।
अंग्रेजों ने कोलार गोल्ड फील्ड से लगभग 100 वर्षों तक और फिर 50 वर्षों के लिए भारत सरकार से सोना निकाला और एक समय में संसाधित होने वाली प्रत्येक टन कच्ची खदानों के लिए 70 ग्राम सोना प्राप्त किया।
कोलार गोल्ड माइन्स के बंद हो जाने के कारण, आज वहां के लोग बेरोजगार हो गए हैं, और बेकार पड़े माइंस के कारण वहां के लोगों के स्वास्थ्य और खेती पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है|
KGF (केजीएफ) मूवी के बारे में इंटरेस्टिंग बातें
साउथ फिल्म इंडस्ट्री ने कई ऐसे सुपरहिट मूवीस दिए, जिसने भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बहुत सारा नाम और पैसा कमाया
आज तक की भारत की सबसे बड़ी फिल्म बाहुबली साउथ फिल्म इंडस्ट्री की ही देन है, और उसी कड़ी में केजीएफ फिल्म ने भी बहुत सारा पैसा और नाम कमाया
तो यहां मैं आपको केजीएफ मूवी चैप्टर वन के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग बातें बताने वाला हूं
केजीएफ मूवी चैप्टर वन कोलार गोल्ड फील्ड के बारे में है, जिसमें गोल्ड माइनिंग के दौरान होने वाली बहुत सारी बातों को फिल्मी अंदाज में पेश किया गया है|
इस मूवी ने लगभग 200 करोड़ से ज्यादा रुपए कमाए|
केजीएफ मूवी 2 पार्ट में प्लांड है और इसका दूसरा पार्ट 2022 में रिलीज किया गया|
आज वह सभी लोग जिन्होंने केजीएफ मूवी का चैप्टर वन देखा है, चैप्टर 2 , 14 अप्रेल 2022 को रीलेज हो गया |
KGF 2 का मतलब “कोलार गोल्ड फील्ड्स: चैप्टर 2” है। यह एक भारतीय फिल्म है और 2018 की ब्लॉकबस्टर फिल्म केजीएफ: चैप्टर 1 की अगली कड़ी है।
ज़रूर, यहाँ भारतीय फिल्म KGF के बारे में कुछ रोचक
KGF: चैप्टर 1 2018 में रिलीज़ हुई कन्नड़ भाषा की फिल्म है, जिसे बाद में हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम सहित कई भाषाओं में डब किया गया था।
फिल्म का निर्देशन प्रशांत नील ने किया था और होम्बले फिल्म्स के बैनर तले विजय किरागंदूर द्वारा निर्मित किया गया था।
केजीएफ: अध्याय 1 1970 और 1980 के दशक में स्थापित एक पीरियड ड्रामा है, जो रॉकी नाम के एक युवक की कहानी कहता है, जो गरीबी से उठकर कोलार गोल्ड फील्ड्स में एक खतरनाक गैंगस्टर बन जाता है।
रॉकी की भूमिका निभाने वाले यश ने इस भूमिका की तैयारी के लिए आठ महीने के कठोर शारीरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजरना पड़ा। उन्होंने वजन बढ़ाया और चरित्र के लिए एक मांसल काया का निर्माण किया।
फिल्म का बजट लगभग 80 करोड़ (लगभग 11 मिलियन अमरीकी डालर) था, जिससे यह अब तक की सबसे महंगी कन्नड़ फिल्मों में से एक बन गई।
फिल्म एक व्यावसायिक सफलता थी और दुनिया भर में 250 करोड़ (लगभग 35 मिलियन अमरीकी डालर) से अधिक की कमाई की।
KGF: चैप्टर 1 को इसकी कहानी कहने, छायांकन और प्रदर्शन के लिए समीक्षकों और दर्शकों से समान रूप से सकारात्मक समीक्षा मिली।
रवि बसरूर द्वारा रचित फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और साउंडट्रैक, अच्छी तरह से प्राप्त हुए और दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो गए।
Chapter 1 के बाद एक सीक्वल आया, KGF: चैप्टर 2, जो 2020 में रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन COVID-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई। अब इसे 2022 में रिलीज करने की तैयारी है।
KGF: चैप्टर 1 ने कई पुरस्कार भी जीते, जिसमें सर्वश्रेष्ठ एक्शन डायरेक्शन और सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स के लिए दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार शामिल हैं।
KGF movie full form | KGF movie फुल फॉर्म क्या है?
केजीएफ(KGF) जानी-मानी विश्व स्तर की प्रसिद्ध इंडियन कन्नड़ भाषा में बनने वाली एक मजेदार गैंगस्टर फिल्म सीरीज है.
kgf movie full form – कोलार गोल्ड फील्ड (Kolar Gold Fields) होता है केजीएफ(KGF) फिल्म को निर्मित करने में प्रशांत नील का मुख्य योगदान रहा, इसे अभिनीत हम्बेल फिल्म्स द्वारा निर्मित किया गया है | अगर आप Vegamovies nl, 9xflix com से मूवी डाउनलोड करना चाहते हो तो उनकी जानकारी आपको यहाँ से मिल जाएगी |
केजीएफ फिल्म के 2 पार्ट रिलीज किए जा चुके हैं. जिसे KGF 1 और KGF 2 के नाम से जाना जाता है, यह विश्व स्तर पर प्रसिद्ध फिल्मों में से एक रही है. साउथ इंडियन अभिनेता यश इस फिल्म के मुख्य सुपरस्टार रहे हैं.
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