HomeOthergeneral knowledgeकौन से कीट परमाणु विस्फोट से बच सकते हैं?

कौन से कीट परमाणु विस्फोट से बच सकते हैं?

ऐसा कहना सही हो सकता है कि वास्तव में वे प्राणिया जिन्होंने परमाणु युद्ध की जोखिमयात्रा की है, वे उन्हें एक साथ खड़े होकर समझा सकते हैं कि ऐसा करने में कोई उपयोग नहीं है। यदि वे परमाणु युद्ध के प्रभाव में फंस जाते हैं, तो यह उनके लिए बेहतर नहीं होगा।

हम देख सकते हैं कि कुछ प्राणियाँ विकिरण और भूखमरी के खतरों से बच सकती हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हमें इस स्थिति के प्रति लापरवाह होने की इजाजत देनी चाहिए। हम सभी को चाहिए कि हम सद्गुण और सहमति की दिशा में काम करें ताकि हम इस तनावपूर्ण समय में सहयोग और समाधान प्रदान कर सकें।

अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारी पृथ्वी एक अमूल्य धरोहर है, और हमें इसका सावधानी से संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है। परमाणु युद्ध की चिंता के बावजूद, हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से संरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए ताकि हमारा आने वाला पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित हो सके।

बिच्छू (Scorpions):

बिच्छू एक प्रकार की कीट होती है जो परमाणु विस्फोटों को सह सकती है।
वे अधिकांश प्राणियों की तुलना में परमाणु हमलों से भी बेहतर तरीके से बच सकते हैं।
इनमें छिपी यूवी विकिरण से बचने की क्षमता होती है, और कुछ बिच्छू अंधेरे में भी देख सकते हैं।
बिच्छू को बर्फ में जमाया जा सकता है और उन्हें वापस जीवित किया जा सकता है।

फल मक्खियाँ (Fruit Flies):

फल मक्खियाँ छोटी कीट होती हैं जो विकिरण के संपर्क में आने के दौरान भी जीवित रह सकती हैं।
इनका छोटा आकार उन्हें विकिरण को ठीक से अवशोषित करने में मदद करता है।
फल मक्खियाँ का जीवन चक्र केवल 30 दिन का होता है, लेकिन परमाणु बम के प्रभाव से वे शायद अभी भी 30 दिन तक जीवित रह सकती हैं।

ब्रैकोनिडे वास्प्स (Braconidae Wasps):

ब्रैकोनिडे वॉस्प्स किसी भी प्राणी में 300 गुना अधिक विकिरण सहन कर सकते हैं।

इन्हें विकिरण के कारण होने वाली किसी भी डीएनए क्षति की मरम्मत करने की क्षमता होती है।

टार्डिग्रेड (Tardigrade):

टार्डिग्रेड छोटा सूक्ष्म प्राणी होता है जो अत्यधिक चरम स्थितियों में भी जीवित रह सकता है, जैसे कि अंतरिक्ष में।
इन्हें अपने शरीर और जीन की आंतरिक संरचना को अनुकूलित करने की क्षमता होती है और अधिकांश प्राणियों को शर्मसार कर देते हैं।

ममीचॉग (Mummichog):

ममीचॉग छोटी मछलियाँ होती हैं जो अंतरिक्ष में भेजी गई हैं और विकिरण के कारण होने वाली किसी भी डीएनए क्षति को ठीक कर सकती हैं।
वे पानी और नमक के माध्यम से उच्च मात्रा में विकिरण से बच सकती हैं।

डाइनोकोकस रेडियोड्यूरन्स (Deinococcus Radiodurans):

डीनोकोकस रेडियोड्यूरांस (Deinococcus radiodurans) एक प्रकार की बैक्टीरिया है जो अत्यधिक विकिरण प्रतिरोधी होती है। यह बैक्टीरिया खास रूप से अपनी अद्वितीय रेडियोड्यूरांस क्षमता के लिए प्रसिद्ध है, जिसका मतलब है कि यह बहुत अधिक विकिरण को सह सकती है.

इसकी मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

विकिरण प्रतिरोध:

यह बैक्टीरिया अत्यधिक विकिरण को सहन कर सकती है, जिसमें यूवी विकिरण भी शामिल हैं. यह उस शरीरिक प्रतिरोधी होती है जो इसे बाहरी कीटों के संग्रहण में से संबंधित करती है, और इसे अपनी डीएनए को अच्छी तरह से पुनर्निर्माण करने की क्षमता देती है|

तात्कालिक मरम्मत:

डीनोकोकस रेडियोड्यूरांस कई प्रकार की प्रतिरोधिता प्रणालियों के साथ काम करती है, जिसके परिणामस्वरूप यह विकिरण के कारण होने वाली किसी भी डीएनए क्षति को ठीक करने की तात्कालिक क्षमता रखती है।

अत्यंत सजीवता: डीनोकोकस रेडियोड्यूरांस को उच्च तापमान, शुष्कता, और अन्य अत्यधिक चरम स्थितियों में भी जीवित रहने की क्षमता होती है. यह बैक्टीरिया अपने आत्मा को निर्वात में सुरक्षित रखने के लिए अपने शरीर को पुनर्निर्मित कर सकती है.

औद्योगिक उपयोग:

इसकी विशेष विकिरण प्रतिरोधी क्षमता के कारण, डीनोकोकस रेडियोड्यूरांस का अध्ययन और अन्य ग्रहों पर जीवन के संभावने के लिए अंतरिक्ष मिशनों में भी उपयोग किया जा रहा है।

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