भारत परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी बनाने वाला दुनिया का छठा देश बन गया।
नइ दिल्ही: भारत ने सामरिक क्षेत्र में एक और छलांग लगतो हूए नइ उपलब्धी प्राप्त की है। भारत की परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत से बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, मिसाइल का शुक्रवार को एक पूर्व निर्धारित सीमा तक परीक्षण किया गया। मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी में तय टारगेट को उच्च सटीकता के साथ नष्ट किया।
भारत केरक्षा मंत्रालय ने कहा कि, आईएनएस अरिहंत द्वारा एसएलबीएम (पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण) का सफल उपयोगकर्ता प्रशिक्षण लॉन्च दल दक्षता को साबित करने और एसएसबीएन कार्यक्रम के अनुरूप महत्वपूर्ण है। यह परीक्षण भारत की ’विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता’ की नीति को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह सफल टेस्ट भारत की ’नो फर्स्ट यूज’ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
आईएनएस अरिहंत भारत की पहली और एकमात्र परमाणु संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है। यह पनडुब्बी जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमला करने की क्षमता रखती है। आइएनएस अरिहंत को 26 जुलाई, 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कारगिल युद्ध की समाप्ति के 10 साल पूरे होने के अवसर पर लांच किया था। इसके बाद अगस्त 2013 में पनडुब्बी के परमाणु रिएक्टर को सक्रिय किया गया और अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस स्वदेशी पनडुब्बी को नौसेना में शामिल किया।
इसी के साथ भारत परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी बनाने वाला दुनिया का छठा देश बन गया। इसे विशाखापट्टनम के शिप बिल्डिंग सेंटर में बार्क, भारतीय नौसेना और डीआरडीओ के विज्ञानियों ने तैयार किया था। यह जल, थल और नभ में मार करने में सक्षम है। आईएनएस अरिहंत 6,000 टन की पनडुब्बी है, जिसकी लंबाई 110 मीटर और चौड़ाई 11 मीटर है।
आईएनएस अरिहंत में में कोडनेम ज्ञ मिसाइलें भी तैनात हैं। इसके अलावा इस सबमरीन में 15 ऐसी मिसाइलें लोड रहती हैं जो 750 किमी तक दूरी पर हमला कर सकती हैं। इसके अलावा इसमें 4 बैलिस्टिक मिसाइल तैनात रहती हैं। ये मिसाइले 3500 किमी दूरी तक हमला करने में सक्षम होती हैं। ये सबमरीन पानी के नीचे कई महीनों तक बनी रहती है।