प्रतीक गांधी एक प्रसिद्ध गुजराती थिएटर और फिल्म अभिनेता हैं जिन्होंने हंसल मेहता द्वारा निर्देशित वेब सीरीज “स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी” में हर्षद मेहता की भूमिका निभाई है। इस वेब सीरीज ने न केवल प्रतीक गांधी की लोकप्रियता में इजाफा किया, बल्कि उन्हें दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान भी दिलाया। सुभाष के झा के साथ अपनी बातचीत में, प्रतीक गांधी ने इस भूमिका को निभाने की चुनौतियों और अपने करियर के सफर के बारे में खुलकर चर्चा की।
प्रतीक गांधी का बैकग्राउंड
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: प्रतीक गांधी का जन्म और पालन-पोषण सूरत में हुआ। उनके माता-पिता ने उन्हें एक ऐसे स्कूल में भेजा जहां थिएटर एक अनिवार्य विषय था। यह वही समय था जब प्रतीक ने पहली बार अभिनय की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का निर्णय लिया और 2004 में अपनी डिग्री पूरी की।
करियर की शुरुआत: प्रतीक ने मुंबई आने के बाद, एक इंजीनियर के रूप में नौकरी करना शुरू किया, लेकिन थिएटर के प्रति उनका जुनून उन्हें इस क्षेत्र में भी खींच लाया। 2004 से 2016 के बीच उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी के साथ-साथ थिएटर और लाइव शो भी किए। यह एक कठिन समय था, लेकिन उनके समर्पण ने उन्हें कभी हार नहीं मानने दिया। 2012 में उन्हें उनकी पहली गुजराती फिल्म मिली, जिसने उनके करियर को एक नई दिशा दी। 2016 में उन्होंने पूरी तरह से अभिनय को अपना लिया और इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी।
हर्षद मेहता की भूमिका निभाने का सफर
किरदार की तैयारी: हर्षद मेहता की भूमिका को स्वीकार करने का मुख्य कारण हंसल मेहता थे। प्रतीक को वास्तविक जीवन के किरदार निभाना बहुत पसंद है, विशेषकर जटिल मानवीय लक्षणों के साथ। इसके अलावा, यह उनके जीवन का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट था। उन्हें बहुत सारी सामग्री प्रदान की गई थी, लेकिन उन्होंने अपना शोध भी किया। हर्षद के कुछ वीडियो का अध्ययन किया और स्क्रिप्ट ने चरित्र पर एक विस्तृत दस्तावेज प्रदान किया। लेखकों और निर्देशकों के साथ कई चर्चाओं ने भी उनकी मदद की।
घोटाले की जानकारी: जब हर्षद मेहता घोटाला हुआ था तब प्रतीक स्कूल में थे और उन्हें इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं थी। हालांकि, उनके चचेरे भाई ने घोटाले में बहुत पैसा खो दिया था, जिससे उन्हें शेयर बाजार की अनियमितताओं के बारे में कुछ जानकारी थी। उन्होंने स्टॉक एक्सचेंज के बारे में पढ़ा और 1990 के दशक में सक्रिय लोगों से बातचीत की।
शारीरिक समानता और किरदार की गहराई
शारीरिक परिवर्तन: जब प्रतीक पहली बार हंसल मेहता से मिले, तो हंसल ने कहा कि वे हर्षद मेहता का किरदार निभाने के लिए बहुत दुबले हैं। प्रतीक ने 18 किलो वजन बढ़ाया, गुजराती खानपान पर ध्यान दिया और ट्रेडमार्क हर्षद मेहता मूंछें भी बढ़ाईं। यह शारीरिक परिवर्तन निश्चित रूप से उनके अभिनय को और अधिक प्रामाणिक बनाने में मददगार साबित हुआ।
व्यवहार और व्यक्तित्व: प्रतीक ने हर्षद मेहता के व्यवहार, दृष्टिकोण और व्यक्तित्व पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने हर्षद की लाचारी, आत्मविश्वास, अहंकार और आत्ममुग्धता को गहराई से समझने की कोशिश की।
गुजराती संस्कृति और हर्षद मेहता
गुजराती होने का फायदा: गुजराती होने के नाते प्रतीक को हर्षद की विचार प्रक्रिया, सपनों, पैसे के मामलों को समझने की आदत और उद्यमशीलता की भावना को समझने में मदद मिली। हालांकि, प्रतीक खुद एक शिक्षाविदों के परिवार से आते हैं और उनके परिवार में कोई भी उद्यमी नहीं है।
स्टॉक एक्सचेंज की जानकारी: प्रतीक ने कभी शेयर बाजार में निवेश नहीं किया है और उनके परिवार में स्टॉक एक्सचेंज को लेकर हमेशा एक नकारात्मक दृष्टिकोण रहा है। उनके दादा ने शेयर बाजार में बहुत पैसा खो दिया था और उनकी दादी ने हमेशा उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी थी। अगर प्रतीक हर्षद मेहता से मिले होते, तो शायद वे उन्हें निवेश के लिए मना लेते।
FAQs
प्रश्न: प्रतीक गांधी को “स्कैम 1992” में हर्षद मेहता की भूमिका कैसे मिली? उत्तर: हंसल मेहता के निर्देशन में प्रतीक ने ऑडिशन दिया और उनकी अदाकारी से प्रभावित होकर उन्हें यह भूमिका दी गई।
प्रश्न: हर्षद मेहता की भूमिका के लिए प्रतीक ने कितना वजन बढ़ाया? उत्तर: प्रतीक ने 18 किलो वजन बढ़ाया और हर्षद मेहता की ट्रेडमार्क मूंछें भी बढ़ाईं।
प्रश्न: क्या प्रतीक को स्टॉक एक्सचेंज की तकनीकी जानकारी थी? उत्तर: नहीं, प्रतीक को स्टॉक एक्सचेंज की तकनीकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने इसके बारे में पढ़ा और 1990 के दशक में सक्रिय लोगों से बातचीत की।
प्रश्न: प्रतीक के परिवार का स्टॉक एक्सचेंज के प्रति क्या दृष्टिकोण था? उत्तर: प्रतीक के परिवार में स्टॉक एक्सचेंज के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण था। उनके दादा ने इसमें बहुत पैसा खो दिया था और उनकी दादी ने हमेशा उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी थी।
प्रतीक गांधी का अभिनय सफर और चुनौतियाँ
मूल्यांकन और प्रेरणा: प्रतीक गांधी का अभिनय सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। एक साधारण पृष्ठभूमि से आकर, उन्होंने मेहनत और समर्पण के बल पर सफलता हासिल की। उन्होंने थिएटर में अपने शुरुआती दिनों से लेकर गुजराती फिल्मों में अपने अभिनय कौशल को निखारा और फिर “स्कैम 1992” के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की।
अनुभव और सीख: प्रतीक का कहना है कि थिएटर ने उन्हें अनुशासन, धैर्य और समर्पण सिखाया। उन्होंने विभिन्न भूमिकाओं में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और अपने अभिनय कौशल को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। गुजराती फिल्मों में उनके काम ने उन्हें एक मजबूत आधार प्रदान किया, जिससे उन्हें हर्षद मेहता जैसे जटिल किरदार निभाने में मदद मिली।
भविष्य की योजनाएँ: प्रतीक गांधी ने अपने अभिनय सफर में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं, लेकिन उनका मानना है कि अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। वह अपने अभिनय कौशल को और निखारने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं और विभिन्न शैलियों और माध्यमों में काम करने की इच्छा रखते हैं।
गुजराती थिएटर का योगदान
गुजराती थिएटर और सिनेमा: प्रतीक गांधी ने अपने करियर की शुरुआत गुजराती थिएटर से की थी, जिसने उन्हें एक मजबूत आधार प्रदान किया। गुजराती थिएटर और सिनेमा ने कई प्रतिभाशाली कलाकारों को जन्म दिया है और प्रतीक गांधी उनमें से एक हैं। थिएटर ने उन्हें अभिनय की बारीकियों को समझने और विभिन्न किरदारों को निभाने की क्षमता विकसित करने में मदद की।
प्रेरणा स्रोत: प्रतीक ने अपने शुरुआती दिनों में कई मशहूर गुजराती नाटकों में काम किया और इससे उन्हें मंच पर प्रदर्शन करने का आत्मविश्वास मिला। गुजराती थिएटर के उनके अनुभव ने उन्हें अभिनय के प्रति समर्पित और अनुशासित बनाया।
समाज में थिएटर का महत्व: गुजराती थिएटर समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को प्रस्तुत करने का भी एक सशक्त साधन है। प्रतीक गांधी जैसे कलाकारों ने इस माध्यम का उपयोग कर समाज को जागरूक किया और सामाजिक बदलाव में योगदान दिया।
समापन
प्रतीक गांधी का सफर और उनकी हर्षद मेहता की भूमिका निभाने की कहानी प्रेरणादायक है। यह न केवल उनके अभिनय कौशल का प्रमाण है, बल्कि उनकी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प की भी मिसाल है। “स्कैम 1992” ने न केवल दर्शकों को मनोरंजन किया, बल्कि उन्हें एक अभिनेता के रूप में प्रतीक गांधी की गहराई और क्षमता को भी दिखाया। हर्षद मेहता की कहानी को जीवंत करने के लिए प्रतीक ने जो मेहनत की, वह वाकई काबिले तारीफ है।
इस सफर को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रतीक गांधी ने साबित कर दिया है कि अगर “Risk Hai Toh Ishq Hai”!
विभिन्न फिल्में और प्रोजेक्ट्स: प्रतीक गांधी ने गुजराती फिल्म उद्योग में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। उनकी पहली फिल्म “Bey Yaar” को दर्शकों और आलोचकों से बहुत सराहना मिली। इसके बाद उन्होंने “Wrong Side Raju”, “Love Ni Bhavai”, “Dhunki”, और “Ventilator” जैसी फिल्मों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। हर फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस ने उन्हें एक बेहतर अभिनेता बनाया और दर्शकों के बीच उनकी लोकप्रियता को बढ़ाया।
हिंदी फिल्मों में प्रवेश: गुजराती सिनेमा में अपनी पहचान बनाने के बाद, प्रतीक गांधी ने हिंदी फिल्मों में भी कदम रखा। उनकी हिंदी फिल्मों में शामिल हैं “Mitron”, “Loveyatri”, और “The Wife”। हिंदी सिनेमा में भी उनके अभिनय को सराहा गया और इससे उनकी पहचान और भी बढ़ गई।
वेब सीरीज का सफर: प्रतीक गांधी ने वेब सीरीज के माध्यम से भी दर्शकों का दिल जीता। “Scam 1992” के अलावा, उन्होंने “Vitthal Teedi” नामक वेब सीरीज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी वेब सीरीज ने भी दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की और उनकी लोकप्रियता को और भी बढ़ाया।
पुरस्कार और सम्मान: प्रतीक गांधी के अभिनय को कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है। उन्हें “Bey Yaar” और “Wrong Side Raju” जैसी फिल्मों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न पुरस्कार मिले। “Scam 1992” में उनकी भूमिका के लिए भी उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिससे उनकी ख्याति में और भी वृद्धि हुई।
प्रतीक गांधी के इस सफर से यह स्पष्ट होता है कि मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनके अभिनय की यात्रा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रतीक गांधी ने अपने अभिनय से न केवल गुजराती सिनेमा को समृद्ध किया है, बल्कि हिंदी सिनेमा और वेब सीरीज के माध्यम से भी दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। उनका यह सफर हर उस कलाकार के लिए प्रेरणा स्रोत है जो अपने करियर में उच्च शिखर तक पहुंचना चाहता है।
और भी पढ़े
35+ Facts of Google जो आपको कभी जानने को नहीं मिले होंगे