उड़ीसा भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है | उड़ीसा उत्तर में झारखंड उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ़ से घिरा है | पूर्व में बंगाल की खाड़ी है |उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है |जिस पर ईशा 261 मौर्य अशोक सम्राट ने आक्रमण किया था |और युद्ध में हुए भयानक रक्तपात से अशोक सम्राट व्यतीत हो गए थे | अशोक सम्राट ने बहुत धर्म अंगीकार कर लिया था | तभी से उड़ीसा राज्य की स्थापना हुई थी | 1 अप्रैल 1936 कटक के कनिका प्लेस में उड़ीसा राज्य की स्थापना हुई थी |
Odisha ki rajdhani – उड़ीसा की राजधानी
Odisha ki rajdhani भुवनेश्वर है |यही उड़ीसा का सबसे बड़ा नगर है | भारत के पूर्व में स्थित एक राज्य है | जो कि एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र है |इस शहर को पूर्व की काशी कहकर भी पुकारा जाता है | साथी इसे सिटी ऑफ टैंपल्स यानी मंदिरों का शहर भी कहते हैं | इस शहर में बौद्ध जैन जैसी संस्कृतियों के अलावा दूसरी संस्कृति या भी रही है | जिसके कारण भुवनेश्वर एक सांस्कृतिक शहर है |
भुवनेश्वर के पर्यटक स्थल
भुवनेश्वर शहर यहां के विख्यात मंदिरों से भी जाना जाता है |भुवनेश्वर में किसी समय 7000 मंदिर हुआ करते थे |लेकिन अभी 600, मंदिर ही है |
1. लिंगराज मंदिर
जिसका निर्माण सोमवंशी वंश के राजा ययाति के द्वारा 11वीं शताब्दी में करवाया गया था |कलिंगा स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर का प्रतिनिधित्व करता यह ऐक 185 फुट ऊंचा मंदिर है |उड़ीसा का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है |मंदिर में चारकोलिथ पत्थर से बनी मूर्तियां स्थापित है |यह मंदिर मे गैर हिंदुओं को आने की अनुमति नहीं है |
2. ब्रह्यस्वर मंदिर
ओडिशा के ब्रह्यस्वर मंदिर, चौखंबा राजवंश के समय का अद्वितीय संरचना, खगोलशास्त्र और वास्तुकला का अद्भुत मिलन। विशाल स्तूपों और धार्मिक आकृतियों से युक्त, यह एक दर्शनीय स्थल है।
3. राज्य संग्रहालय
भुवनेश्वर जयदेव मार्ग पर स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है |यहां हस्तलिखित तार पत्रों का एक संग्रह है | जो की 12 वीं सदी में लिखे गए थे और भी बहुत से मंदिरों और संग्रहालय है जो देखने लायक है |
शिक्षा और विकास
उड़ीसा (ओडिशा) भारत के भूभागीय एक प्रसिद्ध राज्य है जो अपनी शिक्षा और विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। राज्य में विभिन्न विश्वविद्यालय, कॉलेज, और विद्यालय हैं, जो उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं। इसके साथ ही, विकास के क्षेत्र में भी उड़ीसा अग्रणी बन रहा है और आर्थिक विकास, पर्यटन, और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उच्च गति से प्रगति कर रहा है।
नदी – झरना
उड़ीसा की प्राकृतिक सौंदर्य पूरे भारतवर्ष में अपने नदियों और झरनों से प्रसिद्ध है। भुवनेश्वर, कोणार्क, पुरी, छिलिक, और धौली जैसे स्थानों पर इन नदियों के किनारे स्थित नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है। ये स्थान पर्यटकों के बीच बड़ी पसंदीदा बने हुए हैं।
सांस्कृतिक धरोहर
उड़ीसा की सांस्कृतिक धरोहर उसके इतिहास, कला, और जीवनशैली का प्रतीक हैं। विभिन्न राजा-महाराजों के शासकीय समय से लेकर संधिकाल तक की संस्कृति के प्रमुख अवशेष यहां पाए जाते हैं। उड़ीसा के प्रसिद्ध मंदिर, विहार, पट्टचित्र, और उड़ीसी नृत्य इन सांस्कृतिक धरोहरों की उच्चता को दर्शाते हैं। इन संस्कृतिक विरासतों ने उड़ीसा को एक अलगावगाव और चमकते हुए संस्कृति का दरबार बना दिया है।
खाने के लिए चीजें
उड़ीसा भारतीय खाने की विविधता और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। इस राज्य की खानपान की विशेषता विभिन्न स्वाद और लोकप्रियता में है। डाहिकाळी खिचड़ी, पटराना छाच, दालमा, चेना पोडा, मछली तरकारी, दाही वड़ी और चेना पूरा जैसे विशेष व्यंजन उड़ीसा की पारंपरिक रसोई का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन व्यंजनों में स्थानीय चटनी और मसालों का उपयोग होता है, जो उन्हें और भी स्वादिष्ट बनाता है। उड़ीसा के खाने का स्वाद विदेशी और देशी यात्रियों को भी खींचता है और उन्हें यहां के विशिष्ट रूप से तैयार किए गए व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर मिलता है।
बात करते हैं शॉपिंग की
शैली की शॉपिंग उड़ीसा में एक रोचक और आनंददायक अनुभव है। उड़ीसा राज्य अपनी रचनात्मकता, विविधता, और शैली में विशेषता से अलग है। यहां की विशेष शॉपिंग गलियों में आपको उदारता से स्वागत किया जाता है, जहां स्थानीय उत्पादों और आभूषणों की एक अद्भुत रेंज उपलब्ध होती है।
यहां आप धातु के आभूषण, लकड़ी की कला, कट्टा सांचे के पुर्जे, तार काम, और आकर्षक शैली के वस्त्र खरीद सकते हैं। शॉपिंग गलियों में विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के प्रत्याशा और उत्साह से भरे उत्पादों का विकल्प होता है।
शॉपिंग के दौरान, आप स्थानीय कला, शिल्प, और डिज़ाइन का मज़ा ले सकते हैं, जो आपकी शॉपिंग अनुभव को एक अद्भुत और यादगार बना देता है। स्थानीय शॉप्स में आपको उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का सेवन करने का अवसर मिलता है, जिनमें क्राफ्ट्समैनशिप का समृद्ध विरासत छिपी होती है।
उड़ीसा की शॉपिंग अनुभव भरी है, जो आपको खुद को स्थानीय संस्कृति, कला, और विरासत से जोड़ेगी। इस खास शॉपिंग का आनंद लेकर आप अपने घर को उड़ीसा की अनोखी शैली से सजा सकते हैं और यह अनुभव आपको यादगार और संतुष्ट करेगा।
भुनेश्वर का यातायात परिवहन
भुवनेश्वर आने के लिए सड़क मार्ग, वायु मार्ग, और रेल मार्ग , से भी आ सकते हैं | उड़ीसा के दूसरे क्षेत्रों और आसपास के शहरों से भुवनेश्वर अच्छी तरह जुड़ा हुआ वायु मार्ग से भी आ सकते हैं जो भुवनेश्वर में बीजू पटनायक एयरपोर्ट है जो शहर में ही है जहां से आप सरलता से आ सकते हैं | निर्मल के लिए भुवनेश्वर के शहर के बीचो बीच रेलवे स्टेशन है उसमें भी आप सरलता से आ सकते हैं रेल मार्ग भी कहीं शेरों से जुड़े हुए हैं | एक बार भूलेश्वर देखने जैसा शहर है |
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