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हिंदू धर्म के char dham name कौन से है जानिए उनके बारे में

भारत के चार धाम: पवित्र तीर्थस्थल और उनकी महिमा

भारत एक ऐसा देश है जहां कई पौराणिक और सांस्कृतिक स्थल मौजूद हैं। इन महत्वपूर्ण स्थलों में चार धाम तथा भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग बहुत प्रसिद्ध हैं। भारत में चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) को बहुत महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म को मानने वाले लोग अपने जीवन में इन चारों धामों की यात्रा जरूर करते हैं। उनका मानना है कि चार धाम की यात्रा करने से आत्मा को सिद्धि मिलती है और व्यक्ति जन्म मृत्यु के बंधनों से मुक्त हो जाता है।

हिंदू धर्म अर्थात सनातन संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता और संस्कृति मानी जाती है। इस सनातन इतिहास में हिंदू धर्म के अनुसार बहुत से देवी-देवताओं ने पृथ्वी पर मनुष्य का अवतार लिया और दैव-अधर्म का विनाश करके धर्म की स्थापना की।

इन काल खंडों में विभिन्न स्थानों पर ऐसी घटनाएं हुई जिनमें देवी-देवताओं और धार्मिक भावनाओं की सहभागिता बहुत महत्वपूर्ण रही। आगे चलकर धार्मिक मान्यता दिए जाने वाले इन स्थानों पर विभिन्न प्रकार के मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों का निर्माण कराया गया। इन प्रमुख स्थलों में भारत के चार धाम, उत्तराखंड के चार धाम तथा शिव के ज्योतिर्लिंग जैसे महत्वपूर्ण स्थल शामिल हैं। ऐसी मान्यता है कि चार धाम की यात्रा करने से सांसारिक भव बंधन कट जाते हैं और आत्म नारायण में विलीन होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में चार धाम के अलावा उत्तराखंड के चार धाम भी मौजूद हैं जिन्हें छोटा चार धाम भी कहा जाता है। इस लेख में हम आपको छोटे और बड़े दोनों चार धाम के नाम बताएंगे और उनके इतिहास, महत्व के विषय में विस्तार से जानकारी देंगे।

भारतीय चार धाम के नाम

भारतीय धर्मग्रंथों में बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम की चर्चा चार धाम के रूप में की गई है।

  1. बद्रीनाथ (उत्तराखंड)
  2. द्वारका (गुजरात)
  3. जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा)
  4. रामेश्वरम (तमिलनाडु)

भारत के चार धाम की यात्राओं का महत्व

भारत में उपस्थित इन चारों धामों से हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की धार्मिक मान्यताएं और भावनाएं जुड़ी हुई हैं। यह चारों धामों की यात्रा केवल भारतीयों ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यह चारों धार्मिक स्थल उत्तर में बद्रीनाथ धाम (उत्तराखंड) और दक्षिण में रामेश्वरम मंदिर (तमिलनाडु) को चार धाम के रूप में जाना जाता है। आइए अब आपको इन चारों धामों के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हैं।

1. जगन्नाथ पुरी मंदिर

Jagannath Puri (Orissa)

जगन्नाथ पुरी धाम को वैष्णव संप्रदाय द्वारा द्वापर युग का मंदिर माना जाता है। यह उड़ीसा के समुद्र तट पर स्थित है और भगवान कृष्ण के अवतार के लिए बनाया गया था। जगन्नाथ पुरी मंदिर की रथ यात्रा और कोणार्क का सूर्य मंदिर ओड़िशा राज्य में आकर्षण के प्रमुख केंद्र हैं। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण, उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा की मूर्तियां हैं। केवल हिंदुओं को ही इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति है।

इस मंदिर के साथ कई रहस्य जुड़े हुए हैं, जैसे कि मंदिर के शिखर पर लगा झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है और सूर्य का प्रकाश पड़ने के बावजूद इसकी परछाई पृथ्वी पर नहीं बनती। यह मंदिर अपनी जगन्नाथ यात्रा के लिए प्रसिद्ध है जिसे रथ महोत्सव पर्व के रूप में मनाया जाता है।

2. द्वारकाधीश मंदिर

Dwarka (Gujarat)

द्वारकाधीश मंदिर गुजरात में स्थित है और इसे भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के लिए बनाया गया था। द्वारका नगरी समुद्र के तट पर स्थित है और इसे भगवान श्रीकृष्ण ने बसाया था। लोग मानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु के बाद द्वारका नगरी समुद्र में विलीन हो गई थी। वर्तमान द्वारका को इसके अवशेष के रूप में जाना जाता है।

3. बद्रीनाथ धाम

Badrinath (Uttarakhand)

बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। इस धाम की स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी। यहां का वातावरण बहुत ठंडा है और वर्ष भर बर्फबारी होती रहती है। मंदिर के नीचे एक कुंड स्थित है जिसे तप्त कुंड कहा जाता है, जिसका पानी साल भर गर्म रहता है। यह माना जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां नर-नारायण के रूप में तपस्या की थी। बद्रीनाथ को भारत के चार प्रमुख धामों में शामिल किया गया है और इसे उत्तराखंड के चार धामों में भी रखा गया है।

4. रामेश्वरम मंदिर

Rameswaram (TamilNadu) - char dham name

रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु में स्थित है और यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जब भगवान श्री राम रावण से युद्ध करने लंका जा रहे थे, तब उन्होंने इसी स्थान पर रुक कर भगवान शिव की उपासना की और ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी। इसलिए इसे रामेश्वरम मंदिर कहा जाता है।

FAQs (Frequently Asked Questions)

Q1: चार धाम यात्रा का क्या महत्व है?

A1: चार धाम यात्रा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इसे करने से आत्मा को शुद्धि मिलती है और व्यक्ति जन्म-मृत्यु के बंधनों से मुक्त हो जाता है।

Q2: चार धाम के नाम क्या हैं?

A2: चार धाम के नाम हैं: बद्रीनाथ (उत्तराखंड), द्वारका (गुजरात), जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा), और रामेश्वरम (तमिलनाडु)।

Q3: उत्तराखंड के छोटे चार धाम के नाम क्या हैं?

A3: उत्तराखंड के छोटे चार धाम के नाम हैं: यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ।

Q4: जगन्नाथ पुरी मंदिर का क्या महत्व है?

A4: जगन्नाथ पुरी मंदिर का वैष्णव संप्रदाय में विशेष महत्व है। यह भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियों का मंदिर है और इसकी रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है।

Q5: द्वारकाधीश मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

A5: द्वारकाधीश मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के लिए प्रसिद्ध है। यह समुद्र के तट पर स्थित है और द्वारका नगरी का हिस्सा है जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने बसाया था।

Q6: बद्रीनाथ धाम का क्या महत्व है?

A6: बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु के नर-नारायण रूप की तपस्या स्थली है। यह हिंदू धर्म के चार प्रमुख धामों में से एक है और इसे उत्तराखंड के चार धामों में भी शामिल किया गया है।

Q7: रामेश्वरम मंदिर का क्या महत्व है?

A7: रामेश्वरम मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसे भगवान श्री राम ने लंका जाने से पहले स्थापित किया था और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।

Q8: क्या चार धाम यात्रा हर हिंदू को करनी चाहिए?

A8: हां, हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा को अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है और इसे करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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