HomeNewsNational10 छोटी कहानियाँ: हिंदी में छोटे किस्से और उनकी सीख

10 छोटी कहानियाँ: हिंदी में छोटे किस्से और उनकी सीख

बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हम कहानियों के माध्यम से बच्चों को नैतिक, समाजिक और व्यवहारिक शिक्षा दे सकते हैं। कहानियां का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। कहानियां सुनाने से बच्चे की कल्पना शक्ति बढ़ती है और बच्चों की शब्दावली विकसित होती है। इस आर्टिकल में हम‌ आपको छोटे बच्चे के लिए बच्चों अच्छी और उनके को जीवन में नैतिक मुल्यों का महत्व को बढाने वाली कहानिया बताएँगे तो चलिए दोस्तों इन कनाहियो को

1.लालची कुत्ता

bait dog

एक बार एक कुत्ते को बहुत भूख लगी थी। कुत्ता भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकने लगा । कुछ समय के बाद उसे एक मीट का टुकड़ा मिला।

वह मीट का टुकड़ा अपने मुंह में दबाकर वह अपने घर की तरफ चल पड़ा। रास्ते में नदी के जल में उसे अपनी परछाई दिखी।

कुत्ते को लगा कि पानी में मीट के टुकड़े के साथ एक और कुत्ता है। लालच में आकर उसने दूसरे कुत्ते का मीट का टुकड़ा छीनने की सोची।

कुत्ते ने जैसे ही भौंकने के लिए अपना मुंह खोला उसका अपना मीट का टुकड़ा पानी में गिर गया। इस तरह लालची कुत्ते ने अपने लालच के कारण अपना मीट का टुकड़ा भी खो दिया।

Moral- लालच बुरी बला है क्योंकि लालच का परिणाम हमेशा बुरा होता है, ज्यादा लालच के कारण हमारे पास जो पहले से होता है उसे भी हम खो देते हैं।

2.अंगूर खट्टे हैं

grapes are sour

एक बार एक लोमड़ी को भूख लगी तो वह भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकने लगी। लोमड़ी भटकते हुए एक अंगूर के बाग में पहुँची। वहां पके हुए अंगूरों को देखकर लोमड़ी खुश हो गई ।लोमड़ी सोचने लगी कि,” मैं अब भरपेट कर अंगूर खाऊंगी।”

लोमड़ी ने अंगूरों को खाने के लिए छलांग लगाई लेकिन वह बहुत ऊंचाई पर लगे थे। उसने अंगूरों तक पहुंँचने के लिए बार-बार छलांग लगाई लेकिन लोमड़ी अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई।

आखिर जब वह थक गए तो अंगूरों को खाने का विचार त्याग दिया। एक सियार लोमड़ी को ऐसा करते हुए देख रहा था उसने लोमड़ी से पूछा कि क्यों अब अंगूर नहीं खाने?

लोमड़ी अपनी कमजोरी छिपाने के लिए कहने लगी कि,” नहीं अंगूर खट्टे हैं, इसलिए मैंने अंगूर खाने का विचार त्याग दिया है”।

Moral – लोमड़ी और अंगूर कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने से सक्षम नहीं होता तो वह अपनी गल्ती मानने की बजाय दूसरे के अवगुण बताने लगता है।

3. शेर और चूहा की कहानी

story of lion and mouse

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक शेर बड़े गर्व से अपने जंगल का राजा बना हुआ था। उसकी दहाड़न बड़ी भयंकर थी और सभी जानवर उसके सामने डर के मारे बैठे थे। शेर का एक दिन जाल लग गया और वह वहां फंस गया।
वह बड़े परेशान हो गया और अपनी बड़ी दहाड़ से कोशिश करता रहा, लेकिन वह उस जाल से बाहर नहीं निकल पाया। फिर वह बहुत थक गया और हार मान लिया।

उसी समय वहां पास में एक छोटा सा चूहा अपने छोटे से दांतों से जाल काटने की कोशिश कर रहा था। शेर ने चूहे की मदद मांगी और वादा किया कि वह कभी भी उसकी मदद करेगा।

चूहा ने दिल से जाल काट दिया और शेर को स्वतंत्रता मिल गई। शेर बहुत खुश हुआ और चूहे का आभारी हो गया।

कुछ दिनों बाद, जंगल में एक दिन एक शिकारी आया और शेर को जाल में फंसाने की कोशिश करने लगा। शेर अब बड़े बाती से चिल्लाया और चूहा उसकी मदद करने आया। चूहे ने शिकारी की पूँछ को काट दिया और शेर फिर से स्वतंत्र हो गया।

इसके बाद, शेर और चूहे अच्छे दोस्त बन गए और साथ में खुशी-खुशी जीते।

नैतिक शिक्षा:

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कोई छोटा या बड़ा, सबका दिल बड़ा होता है और मदद करना हमारा दायित्व होता है।

4. लालची कुत्ता (ललाच का अंजाम) की कहानी

The story of the greedy dog (consequences of greed)

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटा सा गाँव था। उस गाँव में एक छोटा सा कुत्ता रहता था। उसका नाम बिल्लू था। बिल्लू बहुत ही लालची था। वह हमेशा खाने की तलाश में रहता था और दूसरों से खाने के लिए कभी-कभी छिपकर चुराकर लेता था।

एक दिन, गाँव में एक बड़ा सा मेला आया। मेले में बहुत सारे लोग आए और वहाँ बहुत सारे खाने के स्टॉल भी लगे थे। बिल्लू ने देखा कि सब लोग मेले में खाने का आनंद ले रहे थे और उसका मुँह भी पानी आ रहा था।

बिल्लू लालच में आकर वह मेले के स्टॉल पर चुराकर खाने लगा। वह अपने लालच की मित्ती में डूबा रहा और खाने का आनंद ले रहा था।

परंतु, बिल्लू ने यह नहीं सोचा कि उसका लालच उसकी परेशानी का कारण बन सकता है। जब वह ज्यादा खाने लगा, तो उसका पेट दर्द करने लगा। उसकी हालत बहुत खराब हो गई और वह मेले के स्टॉल पर बेहोश हो गया।

मेले के लोगों ने बिल्लू को उठाया और उसकी मदद की। उन्होंने उसे पानी पिलाया और दवा दी। बिल्लू ने अपने लालच का पछतावा किया और यह सीखा कि लालच करने से हमेशा अच्छा नहीं होता।

इसके बाद, बिल्लू ने अपने लालच को दूर किया और उसने कभी चोरी नहीं की। वह सीख गया कि सच्चे खुशियों का स्रोत लालच नहीं, बल्कि ईमानदारी और साझेदारी होती है।

नैतिक शिक्षा:

इस कहानी से हमें यह सिखना चाहिए कि लालच करने से हमें हानि होती है और हमें दूसरों का साथ देना और सच्चाई में खुश रहना चाहिए।”

5. प्यासा कौआ की कहानी

story of thirsty crow

एक समय की बात है, एक ठंडी और सुनहरी सुबह थी। एक प्यासा कौआ अपने साथी के साथ उड़ रहा था। वह दोनों बहुत प्यासे थे क्योंकि उन्होंने बहुत दिनों से कुछ पी नहीं था।

कौआ ने अपनी परें तलाश करना शुरू किया, लेकिन वह कोई पानी की बदली में पानी नहीं पा सका। उसकी प्यास बढ़ती जा रही थी, और उसे कोई समाधान नहीं मिल रहा था।

तभी कौए का दिमाग एक चमत्कारिक विचार आया। वह ने सोचा, “मैं एक समझदार कौआ हूँ, और मुझे एक अच्छा विचार आया है।” फिर उसने एक बड़ा सा बर्तन खोजा जो जगह-जगह फैला हुआ था।

कौआ ने बर्तन को अपने पास लाया और जब वह उसके अंदर देखा, तो वह देखा कि बर्तन में थोड़ा पानी बचा हुआ था। अब कौआ को एक बड़ा सवाल आया, कैसे वह पानी को पी सकता है?

कौआ ने बर्तन में अपनी दंगली डाली और पानी की सतह पर पाउँड करने लगा। इस तरह से, वह बर्तन के अंदर के पानी को ऊपर लाने में कामयाब रहा। अब वह प्यास बुझा सकता था।

कौआ ने अपने साथी के साथ बर्तन से पानी पीने के बाद बहुत खुश हुआ। उसने यह सिखा कि अगर कोई आपके समस्याओं का समाधान नहीं निकाल सकता, तो आपको अपनी समझदारी और निर्णय का सहारा लेना चाहिए।

नैतिक शिक्षा:

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि समस्याओं का समाधान निकालने के लिए हमें सोच-समझकर काम करना चाहिए, और हमारे पास कभी-कभी अनूठे और अद्भुत तरीके हो सकते हैं।

6.मेहनत की कमाई कहानी

hard earned story

एक समय की बात है, एक गाँव में एक छोटे से लड़के का नाम रमन था। वह बहुत ही होशियार और मेहनती था। रमन के पास बड़ा सपना था – वह एक दिन अपने माता-पिता को गर्वित करना चाहता था।

एक दिन उसने अपने दोस्त से सुना कि एक पार्टी का आयोजन होने वाला है और वह खेतों में मेहनत करके पैसे कमाना चाहता है। रमन ने अपने पिता से अपनी इच्छा बात दी और उनसे कुछ काम बदलने के लिए पैसे मांगे।

रमन के पिता ने उसे पैसे दिए और उसे समझाया कि यह पैसे उसकी मेहनत की कमाई होगी। रमन ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर खेत में काम किया और पैसे कमाने का सपना पूरा किया।

वह पार्टी में पहुँचा और अपने माता-पिता को गर्वित किया। सब लोगों ने रमन की मेहनत को सराहा और उसकी कहानी को सुनकर इंस्पायर हुए।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत और संघर्ष से ही हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। रमन ने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेहनत की और उसका सपना साकार हुआ।

इसी तरह हमें भी अपने सपनों की पूर्ति के लिए मेहनत करनी चाहिए और हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।

नैतिक शिक्षा:

मेहनत से ही कमाई होती है, और हमें हमेशा मेहनत करने का साहस रखना चाहिए।

7. जहां चाह वहां राह है

where there is a will there is a way

एक बार गर्मी के दिन एक कौवे को बहुत प्यास लगी थी। कौआ पानी की तलाश में इधर उधर भटकने लगा। लेकिन उसे कहीं भी पानी दिखाई नहीं दिया। कौआ को एक बाग में पानी का घड़ा दिखाई दिया। उस घड़े में बहुत कम पानी था। कौआ सोचने लगा कि अब क्या करूं?

उसी समय उसकी नज़र घड़े के समीप पड़े कंकड़ों पर पड़ी। उसने एक एक कर घड़े में कंकड़ डालने शुरु किए। जिससे घड़े का पानी ऊपर आ गया। कौआ ने जी भर कर पिया और उड़ गया।

Moral – इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि जहां किसी काम को करने की चाह होती है वहां पर हमें कोई ना कोई राह नज़र आ जाती है।

8.एकता में बल है

unity is strength

एक बार एक किसान के चार पुत्र थे। चारों पुत्र आपस में झगड़ा करते रहते थे। किसान को डर था कि कोई उनकी इस कमजोरी का फायदा ना उठा ले। किसान ने अपने पुत्रों को समझाने के लिए एक योजना बनाई। किसान ने चारों पुत्र को एक-एक लकड़ी का गट्ठा तोड़ने को दिया लेकिन कोई भी गट्ठा तोड़ नहीं पाया।

किसान ने फिर सबको एक-एक लकड़ी तोड़ने को दी तो चारों पुत्रों ने आसानी से तोड़ दी। किसान ने उन चारों को समझाते हुए कहा कि जैसे तुम चारों ने बड़ी आसानी से अकेली लकड़ी को तोड़ दिया। लेकिन तुम में से कोई भी लकड़ी का गट्ठा नहीं तोड़ पाया।।

इस तरह तुम भी अगर गट्ठे की तरह इकट्ठे होकर रहोंगे तो कोई भी तुमको हरा नहीं पाएगा। लेकिन अगर चारों आपस में झगड़ा करोगे तो कोई भी तुमको तोड़ सकता है। अब चारों भाइयों को पिता की बात समझ में आ गई और चारों भाइयों ने पिता को मिलजुल कर रहने का वचन दिया।

Moral- इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि एकता में बल होता है। जब हम मिल जुल कर रहते हैं तो कोई हरा नहीं सकता।

9. कभी हार मत मानो

Never give up

एक बार दो मेंढक दही के बर्तन में गिर गए। दोनों को पानी में से निकलना तो आता था लेकिन दही में से निकलना नहीं आता था। दोनों बार-बार बर्तन से निकलने का प्रयास करने लगे। कुछ समय पश्चात एक मेंढकने हार मान ली। उसने सोचा कि इस बर्तन से बाहर आना मुश्किल है। उसने बाहर निकलने का प्रयास छोड़ दिया और डूब कर मर गया।

लेकिन दूसरा मेंढक लगातार प्रयास करता रहा। वह अपने पांव दही में चलाता रहा। वह लगातार बाहर निकलने की कोशिश करता रहा। उसकी मेहनत रंग लाई । लगातार दही में पैर मारने के कारण दही में से मक्खन निकाल आया। मक्खन पर चढ़कर मेंढक फूदक कर बर्तन से बाहर आ गया।

Moral – इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हम अगर हार ना माने और लगातार प्रयास करते रहे तो सफलता जरूर मिलती है।

10. कर भला तो हो भला

a good deed always comes around

एक बार एक चींटी को बहुत प्यास लगी थी। वह पानी पीने के लिए नदी के तट पर पहुंची। चींटी नदी के तट से फिसल कर नदी में जा गिरी। तभी पेड़ पर बैठे कबूतर ने देखा कि चींटी के प्राण खतरे में हैं। उसने पेड़ से एक पत्ता नदी में गिरा दिया।

चींटी उस पत्ते पर चढ़कर किनारे पर आ गई। उसने कबूतर को धन्यवाद किया। कुछ दिनों के बाद एक शिकारी कबूतर को मारने के लिए निशाना साधे खड़ा था। उसी समय चींटी ने शिकारी के पांव पर काट दिया। जिससे उसका निशाना चूक गया। कबूतर चौकन्ना गया और उड़ गया। इस तरह चींटी ने कबूतर द्वारा की गई भलाई का बदला चुका दिया ।

Moral – इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि अगर हम किसी के साथ अच्छा करते हैं तो हमारे साथ भी अच्छा होता हैं।

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