परिचय
बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड (BCML) की स्थापना 14 जुलाई 1975 को हुई थी। यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत चीनी निर्माण कंपनी है। कंपनी के 8 प्लांट पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्थित हैं और 2 सेंट्रल उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड ने भारतीय चीनी उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और अपनी उच्च गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।
प्रारंभिक इतिहास
बलरामपुर चीनी मिल्स की स्थापना 1932-33 के बीच हुई थी। यह मिल इंग्लैंड की एक इंजीनियरिंग कंपनी बेक एंड सदरलैंड द्वारा स्थापित की गई थी। बलरामपुर के किसानों को इस मिल से काफी लाभ हुआ। पहले इसका नाम बलरामपुर शुगर मिल्स था। 1957 में, इसे बंगाली परिवार को सौंप दिया गया और पन्ना लाल सरावगी बलरामपुर शुगर मिल्स के चेयरमैन बने।
विकास और विस्तार
1980-81 में बलरामपुर शुगर मिल्स की कुल पेराई क्षमता 1600 टन प्रति दिन थी। उस समय मिल की स्थिति अच्छी नहीं थी। लेकिन समय के साथ, मिल ने खुद को सुदृढ़ किया और 2022-23 में इसकी कुल पेराई क्षमता 77,500 टन प्रति दिन हो गई। आज यह भारत और उत्तर प्रदेश की बड़ी मिलों में शामिल है।
किसान संबंधी पहल
बलरामपुर चीनी मिल्स की वर्तमान मालकिन, अनविका सरावगी, मिल के क्षेत्रों में जाकर किसानों को जागरूक कर रही हैं। वह गन्ना बुवाई के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताती हैं कि किसान किस तरह से गन्ने की खेती करें जिससे गन्ने की पैदावार अधिक हो और किसानों को अधिक लाभ मिल सके।
BCML समय पर किसानों को भुगतान करती है और गन्ना कैलेंडर, सर्वे आदि कार्य सही तरीके से करती है। इसके अलावा, कंपनी किसानों को आवश्यक दवाएं, गन्ने का बीज, कीटनाशक आदि भी प्रदान करती है।
प्रमुख मील के पत्थर
बलरामपुर चीनी मिल्स ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं:
- उत्पादन क्षमता का विस्तार: कंपनी ने अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है, जिससे वह देश की दूसरी सबसे बड़ी चीनी उत्पादन कंपनी बन गई है।
- तकनीकी उन्नति: मिल ने आधुनिक तकनीक और मशीनरी का उपयोग कर उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार किया है।
- किसान सहयोग कार्यक्रम: कंपनी ने किसानों के साथ मजबूत संबंध बनाए हैं और उन्हें आवश्यक संसाधन और जानकारी प्रदान की है।
बलरामपुर चीनी मिल्स की वर्तमान स्थिति
आज, बलरामपुर चीनी मिल्स एक मजबूत और सुदृढ़ कंपनी है। इसका उत्पादन क्षमता उच्चतम स्तर पर है और यह उच्च गुणवत्ता वाली चीनी का उत्पादन करती है। कंपनी के प्लांट्स अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित हैं और इसमें पर्यावरण-संवेदनशील प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है।
FAQs
1. बलरामपुर चीनी मिल्स की स्थापना कब हुई थी?
- बलरामपुर चीनी मिल्स की स्थापना 14 जुलाई 1975 को हुई थी।
2. बलरामपुर चीनी मिल्स की उत्पादन क्षमता क्या है?
- 2022-23 में बलरामपुर चीनी मिल्स की कुल पेराई क्षमता 77,500 टन प्रति दिन है।
3. बलरामपुर चीनी मिल्स के कितने प्लांट हैं और कहां स्थित हैं?
- बलरामपुर चीनी मिल्स के 8 प्लांट पूर्वी उत्तर प्रदेश में और 2 सेंट्रल उत्तर प्रदेश में स्थित हैं।
4. बलरामपुर चीनी मिल्स के संस्थापक कौन थे?
- बलरामपुर चीनी मिल्स की स्थापना इंग्लैंड की इंजीनियरिंग कंपनी बेक एंड सदरलैंड द्वारा की गई थी।
5. बलरामपुर चीनी मिल्स का प्रबंधन कौन कर रहा है?
- वर्तमान में, अनविका सरावगी बलरामपुर चीनी मिल्स का प्रबंधन कर रही हैं।
निष्कर्ष
बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड ने अपने उत्कृष्ट उत्पादन और गुणवत्ता के कारण भारतीय चीनी उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। कंपनी ने समय के साथ अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके अपने प्रक्रियाओं में सुधार किया है। इसके साथ ही, कंपनी ने किसानों के साथ मजबूत संबंध बनाए हैं और उन्हें आवश्यक संसाधन और जानकारी प्रदान की है। बलरामपुर चीनी मिल्स एक उदाहरण है कि कैसे एक कंपनी अपने उद्योग में शीर्ष पर पहुंच सकती है और अपने समुदाय के साथ मिलकर प्रगति कर सकती है।