भारत के मालाबार तट पर स्थित एक राज्य है इसका गठन 1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के पारित होने के बाद कोचीन मालाबार दक्षिण केनरा और त्रावणकोर के तत्कालीन क्षेत्रों को मलयालम भाषा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया था |केरल की सबसे अच्छी बात यह है | राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के एक सर्वेक्षण के अनुसार केरल भारत का सबसे स्वस्थ राज्य है | अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण इस खूबसूरत राज्यों को भगवान को अपना देश भी कहा जाता है | पश्चिम में अरब सागर से घिरा और बैकवॉटर से जुड़े क्योंकि पुष्ट भूमि सबसे सुंदर है | आज हम Keral ki Rajdhani तिरुवनंतपुरम के बारे में जानेंगे |
केरला की राजधानी
केरला की राजधानी तिरुवनंतपुरम या त्रिवेंद्रम भारत के केरल राज्य का सबसे बड़ा नगर और राजधानी है | यह तिरुवनंतपुरम जिले का मुख्यालय भी है | केरल की राजनीति के अलावा शैक्षणिक व्यवस्था का केंद्र भी है कहीं शैक्षणिक संस्थानों में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र राजीव गांधी जैव प्राद्योगिक केंद्र कुछ प्रसिद्ध नाम है |
तिरुवनंतपुरम यह भारत के दक्षिणी राज्य केरल का सबसे महत्वपूर्ण शहर है | और इसे देवी की नगरी के नाम से भी जाना जाता है | यह शहर समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है | तिरुवनंतपुरम वन्य जीवन संरक्षण क्षेत्र शानदार तटीय क्षेत्र दर्शनीय स्थलों मंदिरों मस्जिदों और गिरजा घरों के लिए प्रसिद्ध है | यहां के प्राकृतिक सौंदर्य सांस्कृतिक धरोहर और विविधता को देखते हुए यात्रियों को आकर्षित किया जाता है | तिरुवनंतपुरम केरल की संस्कृति कला संगीत और नृत्य का केंद्र है यहां के लोकनृत्य मोहिनीअट्टम कथकली भरतनाट्यम जैसे आकर्षक कला रंग मुझको दिखाया जाता है | आज हम तिरुवनंतपुरम के बारे में कुछ ज्यादा जानेंगे। :
तिरुवनंतपुरम के पर्यटक स्थल
त्रिवेंद्र में बहुत साधारण सा शहर है बावजूद इसके यहां पर्यटकों के घूमने के लिए बहुत कुछ है अपने सांस्कृतिक आकर्षण को बनाए रखते हुए त्रिवेंद्रम विश्व संग्रहालय, प्रसिद्ध मंदिरों जैसा कई स्थानों है |
1. नयार बांध और वन्य जीवन अभ्यारण :
शेर और हिरण सफारी के लिए प्रसिद्ध नयर वन्य जीवन अभयारण्य प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक अच्छी जगह है | पार्क में मगरमच्छ का खेत और हाथी पुनर्वास केंद्र है दक्षिण भारत की यात्रा पर आइए पर्यटक यहां घूमने जरूर आते हैं |
2. पद्मनाभम स्वामी मंदिर :
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है | जो सोने की परत चढ़ा हुआ है | यह 108 दिव्या देशों में से एक है | जो विष्णुवाद के धर्म में पूजा के प्रमुख केंद्र है | दिव्य देसम महान भगवान विष्णु के पवित्र निवास है | और मंदिर में भगवान पद्मनाभम की पूजा होती है | यह दिव्य मंदिर भारत के उन गिने-चुने मंदिरों में से एक है जहां प्रवेश केवल हिंदू धर्म को मानने वाले लोग कोई दिया जाता है |
3. हैप्पीलैंड वॉटर थीम पार्क :
हैप्पीलैंड वॉटर थीम पार्क अपने विभिन्न प्रकार के एडवेंचर वॉटरस्पोर्ट्स के लिए बच्चों और वयस्कों के बीच काफी लोकप्रिय है | यहां पर आप चाहे तो पूरा एक दिन अपने दोस्त और परिवारों के साथ बिता सकते हैं |
4.प्रियदर्शीनी तारामंडल :
पूरे दक्षिण भारत में सबसे अच्छे तारामंडल में से एक प्रियदर्शी की तारामंडल निश्चित रूप से त्रिवेंद्रम में घूमने के लिए अच्छी जगह है | प्रियदर्शिनी तारामंडल आपको विज्ञान की दुनिया में ले जाता है |
5.वेली बीच। :
वेली बीच त्रिवेंद्रम शहर के केंद्र से केवल 10 किलोमीटर दूर स्थित है और शहर के सबसे अधिक देखे जाने वाले समुद्र तटों में से एक है |
6.मैजिक प्लैनेट :
ग्रहों का पहला जादूघर जोक किंफ्रा फिल्म एंड वीडियो पार्क स्थित है | पूरी तरह से म्यूजिक थीम पर डिजाइन किया गया है | यह परिसर 75 एकड़ में फैला है | जिसमें संग्रहालय एक भूमिगत सुरंग एक भूलभुलैया छाया नाटक एक गणितीय सुपरमार्केट जिसमें गणितीय कौशल बच्चों को park- फूड कोर्ट लाइव प्रदर्शन के लिए क्षेत्र और एक सहित कहीं आकर्षण है। | इसी और बहुत सी जगह है जहां पर देखने लायक है|
केरल की राजधानी का एक अवलोकन
- जनसंख्या केंद्र: तिरुवनंतपुरम केरल राज्य का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है, जो विविध पृष्ठभूमि और संस्कृतियों के लोगों से भरा हुआ है। इसकी जीवंत सड़कें और समुदाय परंपरा और आधुनिकता का एक अनूठा मिश्रण पेश करते हैं।
- सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र: यह शहर केरल में एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में उभरा है , जो राज्य की तकनीकी प्रगति में योगदान दे रहा है। यह कई आईटी कंपनियों, अनुसंधान केंद्रों और शैक्षणिक संस्थानों की मेजबानी करता है , जो नवाचार और विकास को बढ़ावा देते हैं।
- भारत का सदाबहार शहर: महात्मा गांधी ने तिरुवनंतपुरम को ” भारत का सदाबहार शहर ” कहा था । यह उपनाम इसके हरे-भरे परिदृश्यों को पूरी तरह से समाहित करता है, जो पूरे वर्ष हरा-भरा रहता है, जिससे यह एक शांत और सुरम्य गंतव्य बन जाता है।
- पर्यटक स्वर्ग: तिरुवनंतपुरम केरल का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह शहर ऐतिहासिक स्थलों, सुंदर समुद्र तटों, सांस्कृतिक त्योहारों और पाक व्यंजनों सहित कई आकर्षण प्रदान करता है, जो इसे यात्रियों के लिए एक अवश्य देखने योग्य स्थान बनाता है।
- प्रमुख संस्थान: तिरुवनंतपुरम भारत में कई रणनीतिक और महत्वपूर्ण संस्थानों का घर है। इनमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान शामिल हैं। इस शहर में भारतीय वायु सेना का दक्षिणी वायु कमान मुख्यालय भी है।
परिवहन
केरल में सड़क और रेलवे प्रणाली अच्छी तरह से विकसित है। यह तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों से राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है । पश्चिमी घाट में पालघाट गैप के माध्यम से पूर्व से आने वाली एक रेलवे राज्य के माध्यम से उत्तर से दक्षिण की ओर चलने वाली रेलवे से मिलती है और भारत के सबसे दक्षिणी शहर कन्याकुमारी तक जाती है । यहाँ एक प्रमुख बंदरगाह हैकोच्चि और मध्यवर्ती बंदरगाहों परकोझिकोड , अलाप्पुझा , और नींदकारा ( तिरुवनंतपुरम के पास ); सभी तटीय और विदेशी यातायात संभालते हैं। कोच्चि में प्रमुख शिपयार्ड और तेल शोधन सुविधाएं भी हैं और यह भारतीय तट रक्षक के लिए एक जिला मुख्यालय और नौसेना के लिए एक क्षेत्रीय मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। 1,000 मील (1,600 किमी) से अधिक अंतर्देशीय जलमार्ग बंदरगाहों से थोक माल ले जाने के लिए मुख्य धमनियां बनाते हैं । तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड और कोच्चि में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं।
शिक्षा
केरल भारत में सबसे उन्नत शैक्षिक प्रणालियों और साक्षरता के उच्चतम स्तर में से एक है। प्राथमिक शिक्षा 6 से 14 वर्ष की आयु के बीच अनिवार्य है। यहां प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालय, साथ ही पॉलिटेक्निक और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, कला और विज्ञान महाविद्यालय और पेशेवर महाविद्यालय हैं। केरल में भी कई विश्वविद्यालय हैं, जिनमें तिरुवनंतपुरम में केरल विश्वविद्यालय (1937), कोझिकोड में कालीकट विश्वविद्यालय (1968), कोच्चि में कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (1971), और त्रिशूर में केरल कृषि विश्वविद्यालय (1971) शामिल हैं ।सांस्कृतिक जीवन
केरल की सांस्कृतिक विरासत प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक विविध समुदायों के साथ व्यापक संपर्क को दर्शाती है। तांबे से बनी छतों वाले प्राचीन हिंदू मंदिरों की एक श्रृंखला के साथ , बाद में “मालाबार गैबल्स” (छतों पर त्रिकोणीय प्रक्षेपण) वाली मस्जिदें, और पुर्तगाली औपनिवेशिक युग के बारोक चर्चों के साथ, राज्य की वास्तुकला सामाजिक, आध्यात्मिक और का एक इतिहास प्रस्तुत करती है। क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास. अन्य विशिष्ट केरल कला रूपों में लकड़ी पर जटिल पेंटिंग, विषयगत भित्ति चित्र और इनडोर और आउटडोर लैंप की एक उल्लेखनीय विविधता शामिल है (जिससे राज्य ने “दीपक की भूमि” उपनाम अर्जित किया है)।
तमिल और संस्कृत दोनों में साहित्य और शिक्षा दूसरी शताब्दी ईसवी से फली-फूली है ; इस बीच, मलयालम भाषा , हालांकि तमिल की एक शाखा है, ने संस्कृत से बहुत कुछ ग्रहण किया है और इसमें विपुल साहित्य भी है। मलयालम कविता में उल्लेखनीय नाम शास्त्रीय कवियों में टुनचट्टू एलुट्टाक्कन और कुंकन नामपियार और 20वीं सदी में कुमारन आसन और वलाथोल हैं। 1889 मेंचंदू मेनन ने मलयालम में पहला उत्कृष्ट उपन्यास इंदुलेखा लिखा, जिसके लिए उन्हें रानी विक्टोरिया से प्रमाण पत्र मिला । थकाज़ी शिवशंकर पिल्लई, जिन्होंने 1999 में अपनी मृत्यु से पहले सैकड़ों रचनाएँ लिखीं, सबसे अधिक पढ़े जाने वाले मलयाली उपन्यासकारों में से एक रहे हैं।
केरल के अधिकांश पारंपरिक नृत्य महान भारतीय महाकाव्यों- महाभारत और रामायण -या विशिष्ट हिंदू देवताओं के सम्मान से संबंधित हैं । केरल के शास्त्रीय मार्शल नृत्य-नाटक कथकली में, पुरुष कलाकार पुरुष और महिला दोनों पात्रों को चित्रित करते हैं। इसके विपरीत, भरत नाट्यम नृत्य, जो शुरुआती तमिल काल से है, केवल महिलाओं द्वारा किया जाता है।
केरल के Local Festivals and Events
केरल में स्थानीय त्योहार और आयोजन हर साल विभिन्न अवसरों पर मनाए जाते हैं। यहां हिंदी में कुछ लोकप्रिय केरली त्योहारों और इवेंट्स का उल्लेख किया गया है:
ओनम
ओनम केरल का सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार चिंगम केरली कैलेंडर के आठवें महीने (चिंगम मास) के अंत में मनाया जाता है। यह त्योहार आनंद, खुशियाँ और समृद्धि के साथ भरा होता है और विभिन्न कार्यक्रम जैसे पुलिक्काल, कथाकली, कवि सम्मलेन, परंपरागत नृत्य आदि का आयोजन किया जाता है।
विषु
विषु केरल का प्रमुख हिंदू त्योहार है और यह विशुव विजय के दिन मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे को विषुव शुभकामनाएं देते हैं, चर्च जाते हैं और परंपरागत तरीके से विशु पूजा करते हैं।
नेहरू त्रोत्सव महोत्सव
यह त्योहार वायनाड के नेहरू त्रोत्सव स्थल पर मनाया जाता है। इस त्रोत्सव में स्थानीय भूलेखीय संगीत, नृत्य, कला और साहित्य का आनंद लिया जाता है।
कोचि मेला
कोची मेला या कोचि मेला केरल का सबसे बड़ा व्यापारिक मेला है जो कोच्चि (कोच्चि) नगर में हर वर्ष नवंबर-डिसेंबर में आयोजित होता है। यहां बड़ी संख्या में उत्पादों की विक्रय और खरीदारी की जाती है, साथ ही विभिन्न कला, साहित्य, नृत्य, और संस्कृति कार्यक्रम भी होते हैं।
तिरुवनंतपुरम उत्सव
यह उत्सव तिरुवानंतपुरम के पद्मनाभस्वामी मंदिर में हर वर्ष जुलाई-अगस्त में मनाया जाता है। इस मेले में कवि सम्मलेन, संगीत और नृत्य प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं और श्रद्धालु भगवान विष्णु को दर्शन करने के लिए मंदिर आते हैं।
ये थे कुछ केरल के प्रमुख स्थानीय त्योहार और आयोजन। कृपया ध्यान दें कि वर्तमान समय में और भी नए त्योहार और इवेंट्स शामिल हो सकते हैं, इसलिए सबसे अच्छा होगा कि आप स्थानीय पर्यटन विभाग या इंटरनेट स्रोतों से विवरण प्राप्त करें।
खाने-पीने के बारे में बात करे तो त्रिवेंद्रम में लोकप्रिय व्यंजनों मैं थोरन शामिल है | जो नारियल के टुकड़ों से तैयार सब्जियों का एक सूखा मिश्रण है | एक दो जिसमें आलू और प्याज का नारियल के दूध के साथ फल में पाया जाता है | जो छास तरबूज और पक्के आम से बना होता है | त्रिवेंद्रम में केले के चिप्स एक लोकप्रिय स्नेक है जिससे अब चाय के साथ ले सकते हे |
त्रिवेंद्रम घूमने जाने के लिए अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी का समय सबसे अच्छा समय होता है | क्योंकि यहां सर्दियों में मौसम बहुत सुहाना रहता है | ग्रिस्म काल गर्म और आंद्र है और थोड़ा असहज हो सकता है | दूसरी ओर मॉनसून ठंडा होता है इसलिए त्रिवेंद्रम घूमने के लिए सर्दियों का समय अनुकूल है |
स्वच्छता और पर्यावरण संबंधी सुझाव
केरल एक अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवन के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का महत्व यहां और भी अधिक है। निम्नलिखित कुछ सुझाव हैं जो केरल में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं:
प्लास्टिक का उपयोग कम करें
खुद के लिए एक पानी की बोतल लेकर यात्रा करें और साथ ही खाने के लिए सिल्वरवेयर या खाने के बर्तन का उपयोग करें। इससे प्लास्टिक की बर्बादी को कम किया जा सकता है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।
वन्यजीवन संरक्षण
केरल अपने वन्यजीवन के लिए प्रसिद्ध है। जंगली जीवन की सुरक्षा के लिए और यात्रियों को चेतावनी देने के लिए संरक्षण के प्रोग्रामों का समर्थन करें। वन्यजीवन संरक्षण क्षेत्रों को सावधानी से यात्रा करें और जंगली जीवन को अवहेलना से नष्ट नहीं करें।
जल संरक्षण
पानी के सदुपयोग के लिए सतर्क बनें। होटल और रेस्टोरेंट में पानी के उपयोग को कम करने का प्रयास करें। बिजली के उपयोग के लिए भी सतर्कता बरतें।
समुद्र तट संरक्षण
केरल के समुद्र तट अत्यंत सुंदर हैं, इसलिए समुद्र तट संरक्षण का भी ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। बीच पर सफाई रखने का प्रयास करें और समुद्र के जीवन को अनावश्यक हानि से बचाएं।
जलवायु परिवर्तन से निपटना
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने के लिए जल्द से जल्द उपाय अपनाएं। वन्यजीवन को बचाने, पर्यावरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने, पौधरोपण और वन्यजीवन संरक्षण में सक्रिय रहने का प्रयास करें।
जागरूकता फैलाएं
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को लोगों के बीच फैलाने में सक्रिय रहें। स्थानीय लोगों को पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में शिक्षित करने के लिए यात्रियों, विदेशियों और नगरिकों को जागरूक करने के लिए समारोह और अभियान आयोजित करें।
ये सुझाव केरल में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। जब हम सभी मिलकर इन्हें अपनाते हैं, तो केरल की प्राकृतिक सुंदरता को हम सब लंबे समय तक बरकरार रख सकते हैं।
तिरुवनंतपुरम या त्रिवेंद्रम कैसे पहुंचे
त्रिवेंद्रम की यात्रा पर जाने वाले पर्यटक को बता दें फ्लाइट , ट्रेन , या , सड़क मार्ग से किसी से भी ट्रैवल्स कर के त्रिवेंद्रम जा सकते हैं | त्रिवेंद्रम का अपना हवाई अड्डा है | जहां से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ाने संचालित की जाती है | यह हवाई अड्डा अन्य सभी मुख्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय से जुड़ा हुआ है | त्रिवेंद्र में नियमित बस सेवा भी उपलब्ध है | यहां से आप प्रमुख शहरों से जैसे के कोझीकोड मदुरै चेन्नई कोचीन बेंगलुरु कोयंबतूर से सड़क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है | आप ट्रेन से भी आ सकते हैं |त्रिवेंद्र में पर्यटक को देखने लायक स्थल हे |
FAQs (Frequently Asked Questions)
- तिरुवनंतपुरम का स्थापना किसने की थी? तिरुवनंतपुरम का स्थापना महाराजा मार्तांड वर्मा ने 1729 में की थी।
- तिरुवनंतपुरम की प्रमुख धार्मिक स्थल कौन-कौन से हैं? तिरुवनंतपुरम के प्रमुख धार्मिक स्थल में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, श्री चित्रलय आर्ट गैलरी, श्री श्री आनंदपद्मनाभास्वामी मंदिर, और श्री नापियर मंदिर शामिल हैं।
- तिरुवनंतपुरम में कौन-कौन सी संस्कृतिक आयोजनाएं होती हैं? तिरुवनंतपुरम में प्रमुख संस्कृतिक आयोजनाओं में आयोजित होते हैं: अतिथि देवो भवः, नीरजलिंग नीरजशेषं, विश्वक्षेत्रं विश्वनाथं।
- तिरुवनंतपुरम की प्रमुख पर्यटन स्थल कौन-कौन से हैं? तिरुवनंतपुरम की प्रमुख पर्यटन स्थलों में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, पूर्व महाद्वारा, केरला विवेकानंद पुरस्कार, और श्री श्री आनंदपद्मनाभास्वामी मंदिर शामिल हैं।
- तिरुवनंतपुरम में खास खाद्य संस्कृति क्या है? तिरुवनंतपुरम में खास खाद्य संस्कृति में दक्षिण भारतीय व्यंजनों जैसे दोसा, साम्बार, अप्पम, इडली, उपमा और कोंडक्का शामिल हैं।
- तिरुवनंतपुरम में बाढ़ की समस्याओं का समाधान कैसे हो रहा है? तिरुवनंतपुरम में बाढ़ की समस्याओं का समाधान नदी सफाई, जल संरक्षण और वातावरण संरक्षण के माध्यम से किया जा रहा है।
- तिरुवनंतपुरम में विशेष शैक्षणिक संस्थान और उनकी पहचान क्या है? तिरुवनंतपुरम में विशेष शैक्षणिक संस्थानों में राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, केरला यूनिवर्सिटी, एन एच एच एस (एनएचएस) और अन्य विश्वविद्यालय शामिल हैं।
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