परिचय:
अकबर और बीरबल की कहानियाँ आज भी हमें हंसी के साथ-साथ गहरी बुद्धिमत्ता की सीख देती हैं। बीरबल की चतुराई और सूझ-बूझ की कई कहानियाँ प्रसिद्ध हैं, और उनकी बुद्धिमत्ता से जुड़ी कई कहानियाँ दरबार में आने वाले लोगों के लिए चुनौती बनती थीं। आज की कहानी भी बीरबल की अद्भुत चतुराई और सोचने की क्षमता पर आधारित है, जिसमें उन्होंने बिना पानी के रेत से चीनी को अलग करने का कठिन काम आसान बना दिया।
कहानी:
एक बार की बात है, अकबर के दरबार में एक व्यक्ति हाथ में मर्तबान लिए हुए पहुंचा। वह सीधा अकबर के सामने आ खड़ा हुआ। अकबर ने उसकी ओर देखते हुए पूछा, “क्या है इस मर्तबान में?”
वह व्यक्ति बोला, “महाराज, इसमें रेत और चीनी का मिश्रण है।”
अकबर ने फिर पूछा, “तुम इसे दरबार में क्यों लाए हो?”
व्यक्ति ने उत्तर दिया, “महाराज, मैंने बीरबल की बुद्धिमत्ता के कई किस्से सुने हैं। मैं उनकी परीक्षा लेना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि बीरबल इस मिश्रण में से बिना पानी का इस्तेमाल किए, चीनी का एक-एक दाना अलग करें।”
यह सुनकर दरबार में सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए और सबकी नज़रें बीरबल की ओर मुड़ गईं। सभी सोचने लगे कि बिना पानी का इस्तेमाल किए यह असंभव है। लेकिन बीरबल हमेशा की तरह शांत और मुस्कुराते हुए खड़े थे। उन्होंने बादशाह अकबर की ओर देखा और कहा, “महाराज, यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है।”
बीरबल की चतुराई
इसके बाद बीरबल मर्तबान लेकर महल के बगीचे की ओर चले गए। वहाँ पहुँचकर उन्होंने मर्तबान में मौजूद रेत और चीनी के मिश्रण को एक बड़े आम के पेड़ के चारों ओर फैला दिया। यह देखकर वह व्यक्ति उत्सुकता से पूछने लगा, “अरे, यह आप क्या कर रहे हैं?”
बीरबल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “यह तुम्हें कल सुबह पता चलेगा।”
परिणाम
अगले दिन सुबह जब दरबार लगा, तो अकबर, बीरबल, और सारे मंत्री बगीचे में पहुंचे। वहाँ सभी ने देखा कि उस जगह पर केवल रेत बची हुई थी। चीनी के एक भी दाने का नामोनिशान नहीं था। दरअसल, रेत में मौजूद चीनी को रातभर चींटियाँ निकालकर अपने बिलों में जमा कर चुकी थीं। कुछ चींटियाँ अभी भी बची हुई चीनी लेकर अपने बिलों की ओर जा रही थीं। यह देखकर वह व्यक्ति आश्चर्यचकित रह गया और समझ गया कि बीरबल ने उसकी चुनौती को बड़े ही सरल और अनोखे तरीके से हल कर दिया था।
बीरबल की इस चतुराई को देखकर अकबर ने मुस्कुराते हुए उस व्यक्ति से कहा, “अब अगर तुम्हें चीनी चाहिए, तो तुम्हें चीटियों के बिल में घुसना पड़ेगा।”
कहानी से सीख:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी समस्या का समाधान हमेशा मेहनत या शारीरिक बल से नहीं होता, बल्कि समझदारी और चतुराई से भी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। बीरबल की तरह हमें भी जीवन की चुनौतियों को धैर्य और बुद्धिमानी से हल करने की कोशिश करनी चाहिए। यह कहानी हमें बताती है कि कठिन से कठिन काम को भी सूझ-बूझ से सरल बनाया जा सकता है।
कहानी का महत्व:
यह अकबर और बीरबल की कहानी न केवल बच्चों बल्कि बड़ों को भी यह सिखाती है कि समस्याओं का समाधान कभी-कभी हमारे आसपास की प्रकृति में छिपा होता है। बीरबल की इस चतुराई ने यह साबित कर दिया कि अगर सोचने का तरीका सही हो, तो किसी भी चुनौती का हल आसानी से निकाला जा सकता है।
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