भारत में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है, और इसमें पारद शिवलिंग की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है। पारद, जो कि पारा (Mercury) होता है, को शुद्ध करके उससे शिवलिंग का निर्माण किया जाता है। इसे पारद शिवलिंग कहा जाता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है और साधक को सुख, समृद्धि एवं शांति की प्राप्ति होती है।
पारद शिवलिंग क्या है?
पारद शिवलिंग एक ऐसा पवित्र वस्तु है, जो पारे (Mercury) से बना होता है। भारतीय धार्मिक ग्रंथों में पारद को भगवान शिव का रूप माना गया है। इसलिए पारद शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। पारद को शास्त्रों में अत्यधिक शुभ और पवित्र माना गया है, और इससे निर्मित शिवलिंग की पूजा से कई गुना फल प्राप्त होते हैं।
पारद शिवलिंग का महत्व
पारद शिवलिंग की पूजा से साधक को सभी प्रकार के मानसिक, शारीरिक एवं आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। इसे घर में स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि एवं शांति का वास होता है। पारद शिवलिंग की विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- धन की प्राप्ति: पारद शिवलिंग की पूजा से धन की प्राप्ति होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: इसे घर में स्थापित करने से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: इसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- वास्तुदोष निवारण: पारद शिवलिंग को घर में रखने से वास्तुदोष समाप्त होते हैं।
- दुर्घटनाओं से सुरक्षा: इसे घर या वाहन में रखने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
पारद शिवलिंग की पूजा विधि
पारद शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत सरल और फलदायी होता है। नीचे पारद शिवलिंग की पूजा विधि बताई जा रही है:
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें: सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और अपने मन को शुद्ध करें।
- पूजा स्थान की सफाई करें: पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और वहां एक स्वच्छ कपड़ा बिछा दें।
- पारद शिवलिंग को स्थापित करें: अब पारद शिवलिंग को एक थाली में रखें और गंगाजल से स्नान कराएं।
- पंचामृत स्नान: पारद शिवलिंग को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं।
- फूल और बेलपत्र चढ़ाएं: अब शिवलिंग पर फूल, बेलपत्र और अक्षत चढ़ाएं।
- धूप-दीप जलाएं: धूप और दीप जलाकर भगवान शिव का ध्यान करें और ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
- भोग अर्पण करें: फल, मिष्ठान्न, और अन्य प्रसाद भगवान को अर्पित करें।
- आरती करें: अंत में भगवान शिव की आरती करें और आरती समाप्त होने के बाद भगवान शिव से प्रार्थना करें।
पारद शिवलिंग से जुड़ी मान्यताएं और कथाएं
पारद शिवलिंग से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं और कथाएं हैं। कहते हैं कि यह स्वयं भगवान शिव का प्रतीक है और इसे पूजने से साधक को भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। एक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने देवी पार्वती को पारद शिवलिंग की महिमा के बारे में बताया था। पारद शिवलिंग की पूजा से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और वह मोक्ष की प्राप्ति करता है।
पारद शिवलिंग को घर में रखने के नियम
पारद शिवलिंग को घर में रखने से पहले कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है, ताकि इसके प्रभाव से घर के सदस्यों को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। ये नियम इस प्रकार हैं:
- पवित्र स्थान का चयन: पारद शिवलिंग को घर के पवित्र स्थान, जैसे पूजा कक्ष में ही रखें।
- दिशा का ध्यान रखें: इसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
- शुद्धि बनाए रखें: पारद शिवलिंग को नियमित रूप से गंगाजल से स्नान कराएं।
- शुद्ध मन से पूजा करें: पूजा के समय मन को शुद्ध रखें और संपूर्ण श्रद्धा एवं भक्ति के साथ पूजा करें।
- पूजा की नियमितता: पारद शिवलिंग की पूजा प्रतिदिन करें, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
पारद शिवलिंग के लाभ
पारद शिवलिंग की पूजा करने से साधक को अनेकों लाभ प्राप्त होते हैं। इसके कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- आध्यात्मिक उन्नति: पारद शिवलिंग की पूजा से साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- मनोकामना पूर्ति: यह मनोकामनाओं को शीघ्र पूर्ण करने वाला होता है।
- धन, सुख और शांति: इसे घर में स्थापित करने से धन, सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
- रोग निवारण: यह रोगों से मुक्ति दिलाने वाला होता है। इसे रोगियों के पास रखने से उनका स्वास्थ्य शीघ्र ठीक होता है।
- ग्रह दोष निवारण: यह विभिन्न ग्रह दोषों को शांत करने वाला माना जाता है।
पारद शिवलिंग खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें
पारद शिवलिंग खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि आप असली और शुद्ध पारद शिवलिंग प्राप्त कर सकें। ध्यान देने योग्य बातें इस प्रकार हैं:
- शुद्धता की जाँच: पारद शिवलिंग की शुद्धता की जाँच करें। यदि संभव हो, तो इसे प्रमाणित विक्रेता से ही खरीदें।
- वजन: शुद्ध पारद शिवलिंग का वजन सामान्य शिवलिंग से अधिक होता है।
- पारद की चमक: असली पारद शिवलिंग में विशेष प्रकार की चमक होती है।
- मूल्य: शुद्ध पारद शिवलिंग का मूल्य सामान्य शिवलिंग से अधिक होता है। बहुत कम कीमत पर मिलने वाले पारद शिवलिंग से सावधान रहें।
- प्रमाण पत्र: पारद शिवलिंग खरीदते समय विक्रेता से प्रमाण पत्र मांगें, जिससे उसकी शुद्धता की पुष्टि हो सके।
पारद शिवलिंग से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
- पारद शिवलिंग की पूजा कैसे करें?
पारद शिवलिंग की पूजा करने के लिए पहले उसे गंगाजल से स्नान कराएं, फिर पंचामृत स्नान कराएं और बेलपत्र, फूल आदि चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। - पारद शिवलिंग को घर में रखने से क्या लाभ होते हैं?
इसे घर में रखने से धन, सुख, समृद्धि, शांति, और स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। - क्या पारद शिवलिंग को घर में स्थापित करना शुभ है?
हां, पारद शिवलिंग को घर में स्थापित करना अत्यंत शुभ होता है। यह घर के सभी वास्तु दोषों का नाश करता है और शुभ फल प्रदान करता है। - पारद शिवलिंग को कौन सी दिशा में रखना चाहिए?
इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। - क्या पारद शिवलिंग की पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए?
हां, पारद शिवलिंग की पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए, इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। - पारद शिवलिंग का वजन कितना होता है?
पारद शिवलिंग का वजन सामान्य शिवलिंग से अधिक होता है। इसका वजन 50 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम या उससे अधिक भी हो सकता है। - क्या पारद शिवलिंग को स्वयं बना सकते हैं?
नहीं, पारद शिवलिंग को शास्त्रोक्त विधि से विशेषज्ञ द्वारा ही बनाया जाना चाहिए। इसे बनाने में कई कठिनाईयाँ होती हैं और शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है।
निष्कर्ष
पारद शिवलिंग भगवान शिव का एक विशेष स्वरूप है, जिसकी पूजा से साधक को सभी प्रकार के मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसे घर में स्थापित करने से धन, सुख, समृद्धि एवं शांति की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग को शुद्धता एवं सही विधि से पूजना आवश्यक है, ताकि इसके प्रभाव से अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। अगर आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना रखते हैं, तो पारद
शिवलिंग की पूजा अवश्य करें और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।