“कर्म की परिप्रेक्ष्य में लगे रहो, फल की चिंता मत करो।”
“जो कर्ता है, वही भगवान है।”
“श्रद्धा और भक्ति से ही भगवान को पा सकते हैं।”
“कर्म करो, फल की चिंता मत करो।”
“अपना कर्तव्य निभाओ, फल का अधिकार नहीं।”
“जीवन में संतोष और समग्रता का महत्व है।”
“आत्म-निरीक्षण और स्वाध्याय करो, यही सच्चा ज्ञान है।”
“समय का मूल्य समझो, वह वापस नहीं आता।”
“ध्यान और मेधा से ज्ञान प्राप्त करो।”
“शांति और समर्पण का मार्ग चुनो, वही सच्चा सुख है।”
“कर्म की आग में यदि आप भीष्म हो तो निष्काम कर्म की गंगा में स्नान कीजिए।”
“आपको जीतने की इच्छा हो, तो अपने आप को अपने कर्म में लगा दीजिए।”
“कर्म करने में हमें लगाव नहीं, समर्पण होना चाहिए।”
“जो आपकी परीक्षा को पार कर सकता है, वही आपके लिए सही है।”
“सच्चे प्रेम के साथ काम करो, फल का चिंतन मत करो।”
“कोई भी स्थिति में स्वयं को उत्तम बनाओ, वही आपके जीवन की सफलता है।”
“जीवन में सभी को एक जैसा स्वीकार करो, तभी आप धन्य हो सकते हैं।”
“समस्त जीवन में संतुष्ट रहो, वही सच्चा समृद्धि है।”
“अपने धर्म का पालन करो, भगवान हर समय आपके साथ हैं।”
“ध्यान और उन्नति की ओर बढ़ो, यह जीवन का लक्ष्य होना चाहिए।”
“जो अपने कर्तव्यों का पालन करता है, वह हमेशा संतुष्ट और खुश रहता है।”
“कठिनाइयों में आपका साथ देने के लिए हमेशा धन्यवाद करना चाहिए, क्योंकि वह हमें मजबूत बनाते हैं।”
“अपने जीवन में कोई भी बदलाव चाहिए, तो पहले अपने आपको बदलिए।”
“जिसके अन्दर सच्चा प्रेम होता है, वह किसी के लिए भी शास्त्रों में बोध कर सकता है।”
“जो आपको प्रेम करता है, उसे कभी नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि वह आपका सहारा है।”
“अपने जीवन में नेक कर्म करो, ताकि आपका जीवन सफल हो।”
“जीवन के साथी को हमेशा सहारा दो, वही आपको सही राह दिखा सकते हैं।”
“जिसके द्वारा आप शिक्षा प्राप्त करते हैं, उसे गुरु मानना चाहिए।”
“जिसे भगवान की कृपा मिलती है, वह हमेशा धन्यवाद करता रहता है।”
“जो भगवान का नाम सच्चे मन से याद करता है, वह हमेशा खुश और संतुष्ट रहता है।”
“जब आप अपनी कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो आप अपनी सच्ची शक्ति को जानते हैं।”
“समय के साथ, सभी चीजें बदल जाती हैं, लेकिन भगवान का प्यार हमेशा बना रहता है।”
“अपने धर्म का पालन करने से ही आप अपने आप को सच्चे मार्ग पर ले जा सकते हैं।”
“जीवन का अर्थ सिर्फ अपनी सच्ची प्रेम को जानने में है,और उसे अन्यों के साथ साझा करने में है।”
“भगवान के साथ हमेशा आपके सबसे अच्छे समयों में होना चाहिए, लेकिन उनके बिना आपके सबसे बुरे समयों में भी होना चाहिए।”
“सच्चे मित्र की पहचान, आपके बुरे समय में उसकी साथी भावना में होती है।”
“भगवान की कृपा से ही हम अपने दुःखों का सामना करने के लिए प्रेरित होते हैं, और उनकी शक्ति से हम उन्हें पार करते हैं।”
“जब आप भगवान के शरण में होते हैं, तो कोई भी आपके सामने आने वाली चुनौतियों को आसानी से पार कर सकते हैं।”
“सच्चे मित्र कभी नहीं छोड़ते, वे हमेशा आपके साथ होते हैं, चाहे जीवन की किसी भी स्थिति में।”
“भगवान के आशीर्वाद से ही हमारे जीवन में सच्ची खुशियाँ और संतुष्टि होती है।”