गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में प्रशासन ने पहली बड़ी कार्रवाई की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीफ फायर ऑफिसर संदीप सिंह जाला को निलंबित कर दिया गया है। मामले में किसी सरकारी अफसर के खिलाफ यह पहला बड़ा एक्शन है। मोरबी में मच्छु नदी के ऊपर ब्रिटिश काल में बना पुल रविवार को गिर गया था। इस घटना में 135 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। हादसे में मरने वालों में बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की रही। इस घटना को लेकर पहले ही गुजरात पुलिस नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें पुल के टिकट कलेक्टर से लेकर ठेकेदार तक शामिल हैं।
ताजा गिरफ्तारी को लेकर मोरबी के जिला अधिकारी जी. टी. पंड्या ने कहा, ‘राज्य शहरी विकास विभाग ने मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला को निलंबित कर दिया है।’ उन्होंने बताया कि मोरबी के रेजिडेंट अपर कलेक्टर को अगले आदेश तक मुख्य अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। अधिकारियों ने बताया कि मोरबी नगर पालिका ने 15 साल के लिए ओरेवा समूह को पुल की मरम्मत और रखरखाव का ठेका दिया था।
जिला कलेक्टर जीटी पांड्या ने कहा, पुलिस ने हमें सुबह रिपोर्ट सौंपी कि फोन कॉल एक तरह से फर्जी थी। हमने उस नंबर से संपर्क किया, यहां तक कि उसके परिवार के सदस्यों से भी संपर्क किया। उस नाम का कोई लापता नहीं है। गुजरात के मोरबी जिले के अधिकारियों को एक अंतिम व्यक्ति के लापता होने की गलत सूचना दी गई थी। पुलिस ने विधिवत सत्यापन के बाद जिला प्रशासन को रिपोर्ट दी गई। उन्होंने आगे बताया, कुल 135 लोगों की मौत हुई है..लेकिन हमारा नियंत्रण कक्ष अभी भी चालू है। लोग हमें ऐसी सभी जानकारी दे सकते हैं। हम उचित प्रक्रिया के साथ उसका पालन करेंगे