HomeOthergeneral knowledgeAssistant Sub Inspector (ASI) की ट्रेनिंग: पूर्ण गाइड, आवश्यक कौशल और प्रक्रियाएँ

Assistant Sub Inspector (ASI) की ट्रेनिंग: पूर्ण गाइड, आवश्यक कौशल और प्रक्रियाएँ

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ASI का फुल फॉर्म और महत्वपूर्ण जानकारी

अगर आप ASI Ka Full Form और इससे संबंधित जानकारी की तलाश कर रहे हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको ASI से जुड़ी सभी जानकारी विस्तार से बताएंगे। चाहे आप पहले से इसके बारे में जानते हों या नहीं, यहां आपको हर जरूरी जानकारी मिलेगी।

ASI का फुल फॉर्म क्या है?

ASI का फुल फॉर्म Assistant Sub Inspector होता है, जिसे हिंदी में सहायक उप निरीक्षक कहा जाता है। आमतौर पर इसे शॉर्ट फॉर्म में ASI ही कहते हैं।

ASI क्या होता है?

ASI भारतीय पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण पद है। इस पद पर नियुक्त व्यक्ति की कई जिम्मेदारियां होती हैं। यह पद विशेष और सम्मानजनक माना जाता है। ASI पुलिस थाने में थानेदार का सहायक होता है और उसकी सहायता करता है। यह एक ऐसा पद है, जो पुलिस विभाग में नींव का काम करता है।

ASI बनने के लिए योग्यता

पुलिस विभाग में ASI बनने के लिए कुछ शैक्षिक और शारीरिक योग्यताएं निर्धारित की गई हैं:

  1. शैक्षिक योग्यता:
    • उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक होना चाहिए।
    • दसवीं और बारहवीं कक्षा अच्छे अंकों के साथ पास करनी चाहिए।
  2. आयु सीमा:
    • न्यूनतम आयु 20 वर्ष और अधिकतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए।
    • आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट दी जाती है।
  3. शारीरिक मापदंड:
    • पुरुषों के लिए: ऊंचाई 170 सेमी, छाती 81 सेमी (फुलाने पर 85 सेमी).
    • महिलाओं के लिए: ऊंचाई 157 सेमी.
  4. शारीरिक सहनशक्ति:
    • पुरुषों के लिए: 5 किमी दौड़ 25 मिनट में पूरी करनी होती है।
    • महिलाओं के लिए: 2.5 किमी दौड़ 15 मिनट में पूरी करनी होती है।

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ASI चयन प्रक्रिया

ASI बनने के लिए चयन प्रक्रिया में पांच चरण होते हैं:

  1. लिखित परीक्षा:
    • लिखित परीक्षा में कुल 100 प्रश्न होते हैं और समय सीमा 120 मिनट होती है।
    • इसमें सामान्य ज्ञान, गणित, रीजनिंग, और अंग्रेजी भाषा के प्रश्न होते हैं।
    • यह परीक्षा राज्य पुलिस सेवा आयोग या कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की जाती है।
  2. शारीरिक परीक्षा:
    • इसमें उम्मीदवार की शारीरिक फिटनेस की जांच की जाती है।
    • दौड़ के अलावा, लंबी कूद, ऊंची कूद, और अन्य शारीरिक मापदंडों की जांच होती है।
  3. दस्तावेज सत्यापन:
    • इसमें उम्मीदवार के सभी शैक्षिक और पहचान दस्तावेजों की जांच की जाती है।
    • इसमें जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र, और अन्य आवश्यक दस्तावेज शामिल होते हैं।
  4. चिकित्सा प्रमाण पत्र:
    • इसमें उम्मीदवार की शारीरिक और मानसिक फिटनेस की जांच होती है।
    • यह सुनिश्चित किया जाता है कि उम्मीदवार किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित न हो।
  5. साक्षात्कार:
    • यह चयन प्रक्रिया का अंतिम चरण होता है।
    • इसमें उम्मीदवार के व्यक्तित्व, संचार कौशल, और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता की जांच होती है।

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ASI के कार्य

ASI के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को आदेश देना:
    • ASI हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को उनके कर्तव्यों का पालन करने के लिए निर्देशित करता है।
    • किसी भी घटना या केस की जांच में उनकी सहायता करता है।
  2. कोर्ट में चार्जशीट दायर करना:
    • ASI छोटी-मोटी घटनाओं और अपराधों की जांच करता है और उनकी चार्जशीट तैयार करता है।
    • वह कोर्ट में गवाह के रूप में पेश हो सकता है।
  3. जांच अधिकारी के रूप में काम करना:
    • ASI छोटे अपराधों की जांच करता है और अपराधियों को पकड़ने में मुख्य भूमिका निभाता है।
    • वह जांच की प्रक्रिया को सही दिशा में ले जाता है और इसे उच्च अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करता है।
  4. थाने में नियमित कार्य:
    • ASI थाने में विभिन्न प्रकार के प्रशासनिक कार्य करता है।
    • वह शिकायतें दर्ज करता है, रिपोर्ट तैयार करता है, और थाने के रिकॉर्ड को अपडेट करता है।

ASI की सैलरी

शुरुआती समय में ASI की सैलरी लगभग ₹35000 से ₹40000 होती है। अनुभव के साथ सैलरी बढ़कर ₹40000 से ₹50000 हो जाती है। इसके अलावा भत्ते और सरकारी सुविधाएं भी मिलती हैं। सरकारी भत्तों में यात्रा भत्ता, चिकित्सा भत्ता, और अन्य भत्ते शामिल होते हैं। समय-समय पर सैलरी में इंक्रीमेंट और प्रमोशन भी मिलते हैं।

ASI के प्रमोशन के अवसर

ASI के पद पर नियुक्त होने के बाद, उम्मीदवार के पास प्रमोशन के कई अवसर होते हैं। प्रमोशन के माध्यम से वह सब-इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, और उच्च पदों पर भी जा सकता है। प्रमोशन के लिए विभिन्न परीक्षाओं और इंटरव्यू का आयोजन किया जाता है।

ASI के अन्य फुल फॉर्म्स

हालांकि Assistant Sub Inspector सबसे प्रचलित है, लेकिन ASI के और भी फुल फॉर्म होते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं:

  1. Archaeological Survey of India: यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग है, जो भारतीय धरोहरों और ऐतिहासिक स्थलों की देखरेख करता है।
  2. Astronomical Society of India: यह भारतीय खगोल विज्ञान समाज है, जो खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान और अध्ययन करता है।
  3. Airports Authority of India: यह भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण है, जो देश के हवाई अड्डों की देखरेख करता है।

ASI (Assistant Sub Inspector) की ड्यूटीज़

ASI (Assistant Sub Inspector) भारतीय पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण पद है, जिसके अंतर्गत कई जिम्मेदारियाँ और कार्य शामिल होते हैं। ASI की ड्यूटीज़ निम्नलिखित हैं:

1. कानून और व्यवस्था बनाए रखना

  • सार्वजनिक सुरक्षा: ASI का प्रमुख कर्तव्य है कानून और व्यवस्था बनाए रखना। वे अपने क्षेत्र में गश्त लगाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि न हो।
  • आपात स्थिति में हस्तक्षेप: आपातकालीन स्थितियों में, जैसे दंगे या हिंसा, ASI तुरंत मौके पर पहुंचते हैं और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाते हैं।

2. जांच और अनुसंधान

  • प्राथमिक जांच: ASI घटनास्थल पर पहुंचकर प्रथम जांच करते हैं। वे साक्ष्य एकत्र करते हैं, गवाहों से पूछताछ करते हैं और प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करते हैं।
  • चार्जशीट तैयार करना: वे मामूली अपराधों के मामलों में चार्जशीट तैयार करते हैं और उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करते हैं।

3. न्यायालय में प्रस्तुत होना

  • गवाह के रूप में: ASI न्यायालय में गवाह के रूप में पेश हो सकते हैं और मामले की जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
  • चार्जशीट दाखिल करना: ASI अदालत में चार्जशीट दाखिल करने और मामले की प्रगति के बारे में जानकारी देने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

4. प्रशासनिक कार्य

  • रिपोर्ट तैयार करना: ASI थाने में विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट तैयार करते हैं, जैसे FIR (First Information Report), घटनाओं की रिपोर्ट, और दैनिक गतिविधियों की रिपोर्ट।
  • दस्तावेज़ प्रबंधन: वे थाने के रिकॉर्ड और दस्तावेज़ों का प्रबंधन करते हैं, जिनमें मामले की फाइलें, शिकायतें, और अन्य आधिकारिक दस्तावेज़ शामिल होते हैं।

5. अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को निर्देशन देना

  • आदेश देना: ASI हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को उनके कर्तव्यों के बारे में आदेश देते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि वे अपने कार्यों का पालन ठीक से करें।
  • प्रशिक्षण: वे नए भर्ती पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने और उन्हें विभिन्न पुलिस प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देने में सहायता करते हैं।

6. समुदाय के साथ संपर्क

  • जनता के साथ संवाद: ASI समुदाय के साथ नियमित संवाद करते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करते हैं।
  • सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लेना: वे सामुदायिक कार्यक्रमों और जन जागरूकता अभियानों में भाग लेते हैं और सुरक्षा संबंधित जानकारी प्रदान करते हैं।

7. विशेष ऑपरेशनों में सहयोग

  • छापेमारी: ASI विभिन्न विशेष ऑपरेशनों में भाग लेते हैं, जैसे छापेमारी, तलाशी अभियान और आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन।
  • गुप्तचरी: कुछ मामलों में, ASI गुप्तचरी का काम भी करते हैं और महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र करते हैं।

8. ट्रैफिक नियंत्रण

  • यातायात प्रबंधन: ASI ट्रैफिक व्यवस्था में भी शामिल होते हैं और सड़क पर यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करते हैं।
  • यातायात उल्लंघन: वे यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों में चालान जारी करते हैं और जुर्माना वसूलते हैं।

9. महिला और बाल सुरक्षा

  • महिला हेल्प डेस्क: ASI महिला और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष हेल्प डेस्क की देखरेख करते हैं।
  • हेल्पलाइन संचालन: वे महिला सुरक्षा और बाल अपराध से संबंधित हेल्पलाइन को संचालित करने में भी मदद करते हैं।

ASI के कार्य बहुत विविध और महत्वपूर्ण होते हैं, जो पुलिस विभाग की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन कार्यों के माध्यम से वे न केवल कानून और व्यवस्था बनाए रखते हैं बल्कि समुदाय के साथ एक मजबूत संबंध भी स्थापित करते हैं।

ASI (Assistant Sub Inspector) की चुनौतियाँ

ASI (Assistant Sub Inspector) के रूप में कार्य करना एक सम्मानजनक लेकिन चुनौतीपूर्ण काम है। इस पद पर रहते हुए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो व्यक्तिगत, व्यावसायिक, और सामाजिक स्तर पर होती हैं। आइए इन चुनौतियों पर विस्तार से नज़र डालें:

1. वित्तीय संसाधनों की कमी

  • अपर्याप्त संसाधन: कई बार पुलिस थानों में संसाधनों की कमी होती है, जैसे वाहन, आधुनिक उपकरण और तकनीकी संसाधन, जो ASI के कार्य को कठिन बना देते हैं।
  • कम बजट: सीमित बजट के कारण कई आवश्यक उपकरणों और सुविधाओं की उपलब्धता नहीं हो पाती, जिससे अपराधों की जांच और निवारण में मुश्किलें आती हैं।

2. अत्यधिक कार्यभार

  • लंबे कार्य घंटे: ASI को अक्सर अत्यधिक कार्यभार और लंबे कार्य घंटे का सामना करना पड़ता है, जिससे थकान और तनाव होता है।
  • अलग-अलग भूमिकाएँ: उन्हें एक साथ कई भूमिकाओं में काम करना पड़ता है, जैसे प्रशासनिक कार्य, गश्त, जांच, और न्यायालय में प्रस्तुत होना।

3. सुरक्षा जोखिम

  • खतरे का सामना: ASI को अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य खतरनाक व्यक्तियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में रहती है।
  • समुदाय में तनाव: कई बार सामुदायिक तनाव और विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ता है, जिसमें उनकी सुरक्षा खतरे में होती है।

4. मानसिक तनाव

  • तनाव और अवसाद: लंबी और अनिश्चित कार्य समय, कठिन परिस्थितियों में काम करना, और लगातार खतरे का सामना करने से मानसिक तनाव और अवसाद हो सकता है।
  • समाज से अपेक्षाएँ: समाज की ऊँची अपेक्षाओं को पूरा करने का दबाव भी मानसिक तनाव का कारण बनता है।

5. सामाजिक चुनौतियाँ

  • सामाजिक पूर्वाग्रह: कई बार पुलिसकर्मियों के प्रति समाज में नकारात्मक धारणाएँ होती हैं, जिससे उनके कार्य को सराहा नहीं जाता।
  • सामाजिक दबाव: सामाजिक दबाव और राजनीतिक हस्तक्षेप भी ASI के कार्य को प्रभावित करते हैं और उनकी स्वतंत्रता को बाधित करते हैं।

6. पारिवारिक जीवन में संतुलन

  • परिवार से दूरी: लंबे कार्य घंटे और अनिश्चित कार्य समय के कारण ASI को अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है, जिससे पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखना मुश्किल होता है।
  • पारिवारिक तनाव: कार्य की प्रकृति के कारण परिवार के सदस्यों में भी तनाव और चिंता हो सकती है।

7. प्रशिक्षण और विकास की कमी

  • नवीनतम तकनीकों का अभाव: अक्सर ASI को नवीनतम तकनीकों और विधियों के प्रशिक्षण की कमी होती है, जिससे उन्हें आधुनिक अपराधों की जांच में कठिनाई होती है।
  • कैरियर विकास के अवसर: ASI के लिए कैरियर विकास के अवसर सीमित होते हैं, जिससे उनके पेशेवर विकास में बाधा आती है।

8. सुधार और शिकायतें

  • आलोचना और शिकायतें: किसी भी गलती या असफलता पर पुलिसकर्मियों को आलोचना का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका मनोबल प्रभावित होता है।
  • सुधार की आवश्यकताएँ: पुलिस विभाग में सुधार की आवश्यकताएँ होती हैं, लेकिन इन्हें लागू करना एक कठिन और दीर्घकालिक प्रक्रिया होती है।

9. नैतिक दुविधाएँ

  • नैतिक निर्णय: कई बार ASI को नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ता है, जहां उन्हें सही और गलत के बीच कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं।
  • भ्रष्टाचार का दबाव: कभी-कभी भ्रष्टाचार के दबाव का सामना करना पड़ता है, जिससे नैतिकता पर संकट आता है।

10. स्थानीय और राष्ट्रीय घटनाएँ

  • विशेष ऑपरेशन्स: जैसे आतंकवाद विरोधी अभियान, दंगे, और बड़े पैमाने पर पुलिस ऑपरेशन्स, जिनमें ASI को विशेष प्रशिक्षण और अत्यधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है।
  • आपातकालीन स्थितियाँ: प्राकृतिक आपदाएँ, स्वास्थ्य आपातकाल, और अन्य संकट की स्थितियाँ भी ASI के कार्य को चुनौतीपूर्ण बनाती हैं।

ASI (Assistant Sub Inspector) की ट्रेनिंग

ASI (Assistant Sub Inspector) बनने के लिए उम्मीदवार को एक कठोर और विस्तृत प्रशिक्षण प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य उम्मीदवार को सभी आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभा सकें। ASI की ट्रेनिंग मुख्यतः निम्नलिखित चरणों में विभाजित होती है:

1. प्रारंभिक प्रशिक्षण (Initial Training)

प्रारंभिक प्रशिक्षण का उद्देश्य नए भर्ती हुए ASI को पुलिस बल के बुनियादी नियमों और प्रक्रियाओं से अवगत कराना होता है। इस प्रशिक्षण में शामिल होते हैं:

एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रेनिंग (Administrative Training)

  • नियम और विनियम: पुलिस विभाग के नियमों और विनियमों का विस्तृत अध्ययन।
  • रिपोर्ट लेखन: FIR और अन्य आवश्यक दस्तावेजों को कैसे लिखना है।
  • ऑफिस मैनेजमेंट: कार्यालय प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों का प्रशिक्षण।

2. शारीरिक प्रशिक्षण (Physical Training)

शारीरिक प्रशिक्षण ASI के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसमें शामिल होते हैं:

फिटनेस ड्रिल (Fitness Drills)

  • दौड़: endurance और स्टेमिना बढ़ाने के लिए लंबी दूरी की दौड़।
  • व्यायाम: शारीरिक शक्ति और लचीलेपन के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम।
  • मुक्केबाजी और कुश्ती: आत्मरक्षा और संघर्ष की तकनीकों का प्रशिक्षण।

मार्शल आर्ट्स (Martial Arts)

  • आत्मरक्षा तकनीक: आत्मरक्षा के लिए आवश्यक मार्शल आर्ट्स की तकनीकें।
  • हथियार प्रशिक्षण: विभिन्न प्रकार के हथियारों का उपयोग और देखरेख।

3. अकादमिक प्रशिक्षण (Academic Training)

अकादमिक प्रशिक्षण के तहत निम्नलिखित विषयों का अध्ययन किया जाता है:

  • भारतीय दंड संहिता (IPC): IPC के प्रमुख अनुच्छेद और उनके आवेदन।
  • दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC): गिरफ्तारियों, तलाशी और जांच के लिए कानूनी प्रक्रियाएं।
  • साक्ष्य अधिनियम: साक्ष्य एकत्र करने और उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत करने के नियम।

क्रिमिनोलॉजी (Criminology)

  • अपराध के प्रकार: विभिन्न प्रकार के अपराध और उनकी विशेषताएं।
  • अपराध की रोकथाम: अपराधों की रोकथाम के तरीकों का अध्ययन।

4. विशेष प्रशिक्षण (Specialized Training)

विशेष प्रशिक्षण में निम्नलिखित क्षेत्र शामिल होते हैं:

फोरेंसिक साइंस (Forensic Science)

  • साक्ष्य विश्लेषण: फोरेंसिक तकनीकों का उपयोग करके साक्ष्य का विश्लेषण।
  • डिजिटल फोरेंसिक्स: साइबर अपराधों की जांच के लिए डिजिटल फोरेंसिक तकनीकें।

आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण (Anti-Terrorism Training)

  • आतंकवाद विरोधी रणनीतियाँ: आतंकवादी खतरों का मुकाबला करने की रणनीतियाँ।
  • विशेष हथियार और रणनीति (SWAT): विशेष हथियार और रणनीतियों का उपयोग।

5. मैदान प्रशिक्षण (Field Training)

मैदान प्रशिक्षण में वास्तविक परिस्थितियों में काम करने का अनुभव प्राप्त करना शामिल होता है:

गश्त और निगरानी (Patrolling and Surveillance)

  • रात्रि गश्त: रात्रि के समय अपराधों की रोकथाम और निगरानी।
  • समुदाय पुलिसिंग: समुदाय के साथ समन्वय और उनकी समस्याओं का समाधान।

जांच और अनुसंधान (Investigation and Research)

  • मौका-ए-वारदात का निरीक्षण: अपराध स्थल पर जाकर साक्ष्य एकत्र करना।
  • गवाहों से पूछताछ: गवाहों से पूछताछ करना और बयान रिकॉर्ड करना।

6. नेतृत्व और प्रबंधन प्रशिक्षण (Leadership and Management Training)

नेतृत्व और प्रबंधन कौशल विकसित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है:

नेतृत्व कौशल (Leadership Skills)

  • प्रभावी संचार: टीम के साथ प्रभावी संचार करना।
  • निर्णय लेना: कठिन परिस्थितियों में त्वरित और सही निर्णय लेना।

प्रबंधन कौशल (Management Skills)

  • समय प्रबंधन: कार्यों को समय पर पूरा करने की तकनीकें।
  • संघर्ष प्रबंधन: टीम के भीतर और बाहरी संघर्षों का प्रबंधन।

7. मानसिक और नैतिक प्रशिक्षण (Mental and Ethical Training)

मानसिक और नैतिक मजबूती के लिए निम्नलिखित प्रशिक्षण दिया जाता है:

मानसिक दृढ़ता (Mental Toughness)

  • तनाव प्रबंधन: तनाव और दबाव का सामना करने की तकनीकें।
  • सकारात्मक सोच: सकारात्मक सोच और आत्म-प्रेरणा के लिए अभ्यास।

नैतिक मूल्य (Ethical Values)

  • ईमानदारी और सत्यनिष्ठा: पुलिस विभाग में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा का महत्व।
  • सार्वजनिक सेवा: जनता की सेवा के प्रति समर्पण और निष्ठा।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको ASI का फुल फॉर्म, इसकी योग्यता, चयन प्रक्रिया, कार्य और सैलरी के बारे में विस्तार से बताया। उम्मीद है कि आपको आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे। अगर आप ASI बनने की सोच रहे हैं, तो इस जानकारी के साथ आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

FAQs:

  1. ASI का फुल फॉर्म क्या होता है?
    • ASI का फुल फॉर्म Assistant Sub Inspector होता है।
  2. ASI बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
    • उम्मीदवार को स्नातक होना चाहिए और उसकी आयु 20 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  3. ASI की सैलरी कितनी होती है?
    • शुरुआती सैलरी ₹35000 से ₹40000 होती है, जो अनुभव के साथ बढ़ती है।
  4. ASI की चयन प्रक्रिया क्या है?
    • चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षा, दस्तावेज सत्यापन, चिकित्सा प्रमाण पत्र और साक्षात्कार शामिल हैं।
  5. ASI के कार्य क्या होते हैं?
    • अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को आदेश देना, कोर्ट में चार्जशीट दायर करना और जांच अधिकारी के रूप में काम करना।

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