बच्चो की कहानिया : एक बार की बात है किसी गांव में एक साधु बाबा रहा करते थे। पूरे गांव में वह अकेले साधु थे, जिन्हें पूरे गांव से कुछ न कुछ दान में मिलता रहता था।एक ठग की नजर कई दिनों से साधु बाबा के धन पर थी। उसने योजना बनाई और एक विद्यार्थी का रूप बनाकर साधु के पास पहुंच गया। उसने साधु से अपना शिष्य बनाने का आग्रह किया।पहले तो साधु ने मना किया, लेकिन फिर थोड़ी देर बाद मान गए और ठग को अपना शिष्य बना लिया। एक दिन साधु को किसी दूसरे गांव से निमंत्रण आया और वह शिष्य के साथ जाने के लिए तैयार हो गया। रास्ते में उन्हें एक नदी मिली। साधु ने सोचा कि क्यों न गांव में प्रवेश करने के पहले नदी में स्नान कर लिया जाए। साधु ने अपने धन को एक कंबल में छुपाकर रख दिया और ठग से उसकी देखभाल करने का बोलकर नदी की ओर चले गए।ठग की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसे जिस मौके की तलाश थी, वो मिल गया। जैसे ही साधु ने नदी में डुबकी लगाई ठग सारा सामान लेकर भाग खड़ा हुआ। जैसे ही साधु वापस आया, उसे न तो शिष्य मिला और न ही अपना सामान। साधु ने ये सब देखकर अपना सिर पकड़ लिया। अब साधू भी हेरान था की सबको क्या बताये क्युकी साधू तो कुछ भी पैसे रखे बिना ही रहेता हे |
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