आज के समय में हर व्यक्ति किसी न किसी बैंक में जमा पूंजी के लिए खाता जरूर खुलवाता है। कई लोग तो एक से ज्यादा बैंक में भी अपना पैसा जमा करवाते हैं और जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल करते हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सबसे भरोसेमंद बैंकों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसबीआई में करोड़ों रुपये की लावारिस जमा राशि है जिसे कोई लेने नहीं आ रहा है?
लावारिस जमा राशि क्या है?
लावारिस जमा राशि वह धनराशि होती है जिसे खाताधारक ने बैंक में जमा किया है, लेकिन लंबे समय तक उसका कोई क्लेम नहीं किया है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब खाताधारक अपनी जमा राशि को भूल जाते हैं या किसी कारणवश उसे निकाल नहीं पाते। कई बार ऐसा भी होता है कि खाताधारक की मृत्यु हो जाती है और उनके वारिस को इसके बारे में जानकारी नहीं होती।
लावारिस जमा राशि की परिभाषा और महत्वपूर्ण तथ्य
लावारिस जमा राशि को परिभाषित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ मानक निर्धारित किए हैं। यदि कोई खाता 10 वर्ष या उससे अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है, तो उसे लावारिस जमा राशि माना जाता है। यह राशि खाताधारक या उसके वारिस द्वारा क्लेम किए जाने तक बैंक में पड़ी रहती है।
RBI के अनुसार, फरवरी 2023 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) में कुल ₹35,012 करोड़ की लावारिस जमा राशि है। इनमें से सबसे अधिक राशि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पास है, जो ₹8,086 करोड़ है। अन्य प्रमुख बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ₹5,340 करोड़ और केनरा बैंक ₹4,558 करोड़ की लावारिस जमा राशि के साथ शामिल हैं।
लावारिस जमा राशि के कारण
खाताधारक की मृत्यु
खाताधारक की मृत्यु के बाद यदि उनके वारिस को खाता और जमा राशि के बारे में जानकारी नहीं होती है, तो वह राशि लावारिस जमा में बदल जाती है।
पता न चलना
कई बार खाताधारक बैंक खाता खोलने के बाद उसे भूल जाते हैं, और लंबे समय तक खाता निष्क्रिय रहता है।
वारिस का नाम न लिखवाना
कई खाताधारक अपने खातों में वारिस का नाम नहीं लिखवाते हैं। इसके कारण खाताधारक की मृत्यु के बाद भी उनके परिवार के सदस्यों को उस जमा राशि के बारे में पता नहीं चलता है।
भारतीय रिजर्व बैंक का DGGAM पोर्टल
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐसी लावारिस जमा राशि को खोजने और क्लेम करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक केंद्रीयकृत वेब पोर्टल ‘डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस (DGGAM) पोर्टल’ लॉन्च किया है। इस पोर्टल के माध्यम से आप भारत के विभिन्न बैंकों में पड़ी लावारिस जमा राशि की तलाश कर सकते हैं और उसे क्लेम कर सकते हैं।
DGGAM पोर्टल का उद्देश्य
DGGAM पोर्टल का मुख्य उद्देश्य बैंकों में लंबे समय से जमा बिना दावे की राशि को उसके असली हकदार तक पहुंचाना है। यह पोर्टल रिजर्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड (REBIT) और भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाओं (IFTCS) द्वारा मिलकर बनाया गया है। इस पोर्टल पर फिलहाल सात बैंकों में पड़ी लावारिस जमा राशि की जानकारी उपलब्ध है, जिसमें एसबीआई भी शामिल है।
DGGAM पोर्टल का उपयोग कैसे करें?
- पोर्टल पर जाएं: DGGAM पोर्टल की वेबसाइट पर जाएं।
- बैंक चुनें: उस बैंक का चयन करें जिसमें आप अपनी जमा राशि की जांच करना चाहते हैं।
- जानकारी दर्ज करें: आवश्यक जानकारी जैसे खाता संख्या, नाम, जन्म तिथि आदि दर्ज करें।
- खोज करें: ‘खोज’ बटन पर क्लिक करें और आपके खाते में जमा राशि की जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी।
एसबीआई में लावारिस जमा राशि की स्थिति
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, फरवरी 2023 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) में कुल ₹35,012 करोड़ की लावारिस जमा राशि है। एसबीआई के पास सबसे अधिक लावारिस जमा राशि है, जो ₹8,086 करोड़ है। अन्य प्रमुख बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ₹5,340 करोड़ और केनरा बैंक ₹4,558 करोड़ की लावारिस जमा राशि है।
एसबीआई में लावारिस जमा राशि की जांच
एसबीआई ने अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी उपलब्ध कराया है, जहां वे अपने लावारिस जमा की जांच कर सकते हैं। आप एसबीआई की वेबसाइट पर जाकर ‘अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स’ सेक्शन में जाकर अपनी जानकारी दर्ज कर सकते हैं।
कैसे करें लावारिस जमा राशि की जांच?
- SBI वेबसाइट पर जाएं: एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स सेक्शन में जाएं: वेबसाइट के इस सेक्शन में जाएं।
- जानकारी दर्ज करें: खाता संख्या, नाम, जन्म तिथि आदि दर्ज करें।
- खोज करें: ‘खोज’ बटन पर क्लिक करें और आपके खाते में जमा राशि की जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी।
लावारिस जमा राशि का क्लेम कैसे करें?
आवश्यक दस्तावेज
लावारिस जमा राशि को क्लेम करने के लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- पहचान पत्र: आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि।
- पता प्रमाण: राशन कार्ड, बिजली बिल, पानी बिल आदि।
- खाता विवरण: खाता संख्या, पासबुक, जमा पर्ची आदि।
- वारिस प्रमाण पत्र: यदि आप खाताधारक के वारिस हैं, तो वारिस प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी।
क्लेम प्रक्रिया
- बैंक शाखा पर जाएं: आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित बैंक शाखा में जाएं।
- क्लेम फॉर्म भरें: बैंक से क्लेम फॉर्म प्राप्त करें और सभी आवश्यक जानकारी भरें।
- दस्तावेज जमा करें: सभी आवश्यक दस्तावेज बैंक में जमा करें।
- प्रक्रिया का पालन करें: बैंक द्वारा दी गई प्रक्रिया का पालन करें और आपको आपकी जमा राशि मिल जाएगी।
लावारिस जमा राशि से संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: लावारिस जमा राशि कितने समय बाद लावारिस मानी जाती है? उत्तर: यदि कोई खाता 10 वर्ष या उससे अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है, तो उसे लावारिस जमा राशि माना जाता है।
प्रश्न 2: क्या मैं ऑनलाइन भी अपनी जमा राशि की जांच कर सकता हूँ? उत्तर: हां, आप भारतीय रिजर्व बैंक के DGGAM पोर्टल या एसबीआई के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी जमा राशि की जांच कर सकते हैं।
प्रश्न 3: लावारिस जमा राशि का क्लेम करने में कितना समय लगता है? उत्तर: क्लेम प्रक्रिया पूरी होने में सामान्यतः 30-45 दिन का समय लग सकता है, लेकिन यह बैंक की प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है।
प्रश्न 4: क्या कोई शुल्क लगता है? उत्तर: सामान्यतः लावारिस जमा राशि का क्लेम करने पर कोई शुल्क नहीं लगता है, लेकिन यह बैंक की नीतियों पर निर्भर करता है।
प्रश्न 5: क्या लावारिस जमा राशि पर ब्याज मिलता है? उत्तर: हां, लावारिस जमा राशि पर ब्याज मिलता है, लेकिन यह बैंक की नीतियों और जमा प्रकार पर निर्भर करता है।
लावारिस जमा राशि की जागरूकता और आवश्यकता
जन जागरूकता अभियान
लावारिस जमा राशि को उसके असली हकदार तक पहुंचाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। बैंकों और आरबीआई द्वारा समय-समय पर ग्राहकों को इसके बारे में सूचित किया जाता है।
बैंक की जिम्मेदारी
बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने ग्राहकों को लावारिस जमा राशि के बारे में जागरूक करें और उन्हें इसे क्लेम करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
लावारिस जमा राशि का सही उपयोग न होने से समाज और अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ता है। यह राशि अगर सही हकदारों तक पहुंचे तो वे इसे अपने आवश्यक कार्यों में उपयोग कर सकते हैं।