भारत में सेकेंड हैंड कार मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। यह मार्केट उन लोगों के लिए एक बड़ा विकल्प बन चुका है जो कम बजट में कार खरीदना चाहते हैं। सेकेंड हैंड कार खरीदना नई कार की तुलना में कम खर्चीला होता है और इसके कई फायदे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि सेकेंड हैंड कार खरीदने के क्या-क्या फायदे हैं और इसे खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सेकेंड हैंड कार खरीदने के फायदे
1. कम कीमत: सेकेंड हैंड कारें नई कारों की तुलना में काफी कम कीमत पर मिलती हैं। यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो कम बजट में कार खरीदना चाहते हैं।
2. कम डिप्रिसिएशन: नई कार खरीदने के बाद उसकी कीमत तेजी से गिरती है। जबकि, सेकेंड हैंड कार की कीमत पहले ही कम हो चुकी होती है, इसलिए उसका डिप्रिसिएशन कम होता है।
3. इंश्योरेंस प्रीमियम कम: सेकेंड हैंड कारों का इंश्योरेंस प्रीमियम नई कारों की तुलना में कम होता है। इससे आपकी जेब पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता।
4. वेरायटी का विकल्प: सेकेंड हैंड कार मार्केट में विभिन्न मॉडल्स और ब्रांड्स की कारें उपलब्ध होती हैं। इससे आपको अपनी पसंद और जरूरत के अनुसार कार चुनने का मौका मिलता है।
5. रोड टैक्स का बचाव: नई कार खरीदने पर रोड टैक्स देना पड़ता है, लेकिन सेकेंड हैंड कार पर यह टैक्स पहले ही चुका दिया जाता है। इस प्रकार आप रोड टैक्स के खर्च से बच सकते हैं।
6. अफोर्डेबल अपग्रेड: अगर आपके पास पहले से कार है और आप उसे अपग्रेड करना चाहते हैं, तो सेकेंड हैंड कार एक अच्छा विकल्प हो सकती है। आप अपनी पुरानी कार को बेचकर थोड़ी अतिरिक्त रकम जोड़कर एक बेहतर मॉडल खरीद सकते हैं।
7. कम इन्श्योरेंस क्लेम हिस्ट्री: सेकेंड हैंड कार के लिए इन्श्योरेंस क्लेम हिस्ट्री कम होती है, जिससे आपकी इन्श्योरेंस प्रीमियम कम रहती है। यह उन लोगों के लिए लाभकारी है जो इन्श्योरेंस खर्चों को कम रखना चाहते हैं।
सेकेंड हैंड कार खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें
सेकेंड हैंड कार खरीदते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि आपको बेहतर और भरोसेमंद कार मिल सके।
1. बजट तय करें: सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले आपको अपना बजट तय करना बेहद जरूरी है। अलग-अलग कार के हिसाब से उनका बजट भी कम-ज्यादा हो सकता है। इसलिए, पहले से ही यह निर्णय लें कि आप कितनी राशि खर्च कर सकते हैं।
2. सर्विस रिकॉर्ड देखें: पुरानी कार खरीदते समय सबसे पहले उस कार का सर्विस रिकॉर्ड चेक करें। इससे आपको उस कार की सही जानकारी मिलेगी कि आखिर उसमें कब और क्या काम किया गया है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि कार की नियमित देखभाल हुई है या नहीं।
3. इंजन, गियर बॉक्स, स्टीयरिंग और सस्पेंशन की जांच करें: इंजन, गियर बॉक्स, स्टीयरिंग और सस्पेंशन की अच्छी तरह से जांच करें। यदि संभव हो तो किसी विशेषज्ञ से कार की तकनीकी जांच करवाएं ताकि आपको उसकी असली स्थिति का पता चल सके।
4. बॉडी और स्क्रैच की जांच करें: कार की बॉडी पर कोई बड़ा डेंट या स्क्रैच है या नहीं, इसका ध्यान रखें। छोटे-मोटे स्क्रैच सामान्य होते हैं, लेकिन बड़े डेंट्स से कार की संरचना पर असर पड़ सकता है।
5. सर्विस हिस्ट्री जांचें: किसी पुरानी गाड़ी को लेते समय उसकी सर्विस हिस्ट्री भी जान लें। इसके लिए आप उस ब्रांड के शोरूम जरूर जाएं, और वहां के सर्विस डिपार्टमेंट में जाकर गाड़ी का नंबर देकर उसकी हिस्ट्री जरूर जांचें। इससे आपको रेगुलर सर्विस की जानकारी मिलेगी और अगर किसी ने कार मीटर के साथ छेड़छाड़ की है, तो वह भी पकड़ में आ जाएगी।
6. कार के कागज़ों की जांच करें: किसी भी पुरानी गाड़ी को खरीदने से पहले उसके पेपर्स को अच्छी तरह से देख लें। कार का सर्विस रिकॉर्ड, रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस जैसी जरूरी चीज़ों को भी चेक कर लें। कार को लेने से पहले इस बात पर जरूर ध्यान दें कि उसके कागज़ पूरे और सही हों।
7. टेस्ट ड्राइव लें: कार को खरीदने से पहले एक बार टेस्ट ड्राइव जरूर लें। टेस्ट ड्राइव के दौरान कार की परफॉर्मेंस, सस्पेंशन, ब्रेक्स, क्लच, गियरबॉक्स और अन्य चीजों को अच्छी तरह से जांचें।
सेकेंड हैंड कार खरीदने के विभिन्न स्रोत
सेकेंड हैंड कार खरीदने के कई स्रोत होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. ऑनलाइन मार्केटप्लेस: आजकल कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स हैं जहां पर सेकेंड हैंड कारों को खरीदा और बेचा जाता है। जैसे कि OLX, Quikr, Cars24, CarDekho आदि।
2. डीलरशिप्स: कई कार डीलरशिप्स सेकेंड हैंड कारों का भी व्यापार करती हैं। ये डीलरशिप्स आपको विभिन्न मॉडल्स और ब्रांड्स की कारें उपलब्ध कराती हैं।
3. प्रमाणित प्री-ओन्ड कार प्रोग्राम्स: कुछ कार निर्माता कंपनियां अपने प्रमाणित प्री-ओन्ड कार प्रोग्राम्स चलाती हैं। इन प्रोग्राम्स के तहत कारें कंपनी द्वारा जांची और प्रमाणित होती हैं।
4. प्राइवेट सेलर्स: प्राइवेट सेलर्स के माध्यम से भी आप सेकेंड हैंड कार खरीद सकते हैं। हालांकि, इस मामले में आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और कार की पूरी जांच करनी चाहिए।
सेकेंड हैंड कार खरीदते समय अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या सेकेंड हैंड कार खरीदना फायदेमंद होता है? उत्तर: हां, सेकेंड हैंड कार खरीदना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह कम कीमत पर मिलती है, और उसका डिप्रिसिएशन भी कम होता है। इसके अलावा, इसका इंश्योरेंस प्रीमियम भी कम होता है।
प्रश्न 2: सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? उत्तर: सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले बजट तय करें, सर्विस रिकॉर्ड देखें, इंजन, गियर बॉक्स, स्टीयरिंग और सस्पेंशन की जांच करें, बॉडी और स्क्रैच की जांच करें, सर्विस हिस्ट्री जांचें, कार के कागज़ों की जांच करें और टेस्ट ड्राइव लें।
प्रश्न 3: सेकेंड हैंड कार कहां से खरीद सकते हैं? उत्तर: सेकेंड हैंड कार आप ऑनलाइन मार्केटप्लेस, डीलरशिप्स, प्रमाणित प्री-ओन्ड कार प्रोग्राम्स और प्राइवेट सेलर्स से खरीद सकते हैं।
प्रश्न 4: क्या सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले टेस्ट ड्राइव लेना जरूरी है? उत्तर: हां, सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले टेस्ट ड्राइव लेना बेहद जरूरी है ताकि आप कार की परफॉर्मेंस और उसकी स्थिति का ठीक से निरीक्षण कर सकें।
सेकेंड हैंड कार खरीदते समय अतिरिक्त सुझाव
1. वारंटी की जाँच करें: कुछ डीलरशिप्स और कार निर्माता कंपनियां सेकेंड हैंड कारों पर वारंटी भी देती हैं। यह वारंटी किसी भी तकनीकी समस्या के लिए आपको सुरक्षा देती है। वारंटी की शर्तें और उसकी अवधि की पूरी जानकारी लें।
2. पेंट जॉब और रिपेयर वर्क: अगर कार की बॉडी पर पेंट जॉब या रिपेयर वर्क किया गया है, तो उसकी क्वालिटी की जांच करें। पेंट का असली रंग और नए पेंट का मिलान करके देखें ताकि कोई अंतर साफ नजर न आए।
3. फाइनेंशियल ऑप्शन्स: सेकेंड हैंड कार खरीदने के लिए बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान विभिन्न लोन विकल्प प्रदान करते हैं। विभिन्न लोन योजनाओं और उनकी ब्याज दरों की तुलना करके सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें।
4. ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप: कार खरीदने के बाद सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ मालिकाना हक आपके नाम पर ट्रांसफर हो। यह प्रक्रिया स्थानीय परिवहन कार्यालय (RTO) में पूरी की जाती है।
5. मेकैनिकल इंस्पेक्शन: एक मेकैनिक से पूरी कार की जांच करवाएं। मेकैनिक कार के इंजन, गियर बॉक्स, सस्पेंशन, ब्रेक्स, और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की जांच कर सकता है और आपको कार की असली स्थिति की जानकारी दे सकता है।
6. रोड टेस्ट: सिर्फ टेस्ट ड्राइव ही नहीं, बल्कि विभिन्न प्रकार के रोड कंडीशंस पर भी कार की
परफॉर्मेंस जांचें। यह सुनिश्चित करें कि कार हर प्रकार की सड़क पर सही तरीके से चलती है।
निष्कर्ष
सेकेंड हैंड कार खरीदना एक अच्छी वित्तीय निर्णय हो सकता है, बशर्ते आप सही तरीके से इसे खरीदें। बजट तय करना, कार की सर्विस रिकॉर्ड और कागजात की जांच करना, इंजन और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की जांच करना, और टेस्ट ड्राइव लेना जैसी बातें ध्यान में रखकर आप एक अच्छी और भरोसेमंद सेकेंड हैंड कार खरीद सकते हैं। इससे आपका शौक भी पूरा होगा और आपकी जेब पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा।
इस प्रकार, सेकेंड हैंड कार खरीदते समय इन सभी बातों का ध्यान रखकर आप एक बेहतर और संतोषजनक खरीदारी कर सकते हैं। सेकेंड हैंड कार मार्केट में बढ़ती मांग और विभिन्न विकल्पों के साथ, आप आसानी से अपनी जरूरतों और बजट के अनुसार एक अच्छी कार पा सकते हैं।