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टार्डिग्रेड्स (Tardigrades) – दुनिया के सबसे बड़े छोटे जीवों का रहस्यमय संसार

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1. परिचय:

टार्डिग्रेड्स, जिन्हें “वज्रवान” भी कहा जाता है, मिक्रोस्कोपिक जीवों की एक श्रेणी हैं। ये दुनिया के सबसे बड़े छोटे जीव होते हैं और उनके अनगिनत प्रकार होते हैं।

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2. रूप और संरचना:

टार्डिग्रेड्स की चरिक और गोंद जैसी दिखती है, और इसलिए उन्हें “वज्रवान” कहा जाता है। वे स्वस्थ, सुन्दर, और सुविधाजनक रूप से जिंदा रहते हैं।

3. संजीवनी:

टार्डिग्रेड्स की एक अद्वितीय क्षमता है – वे अत्यंत बेहोशी में जा सकते हैं, जिसे क्रिप्टोबायोसिस कहा जाता है, और यह उन्हें अधिकांश अनुकूल शर्तों में जिन्दा रहने की क्षमता प्रदान करता है।

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4. विश्वास की गई तथ्य:

टार्डिग्रेड्स अपरिहार्य तापमान, अधिकतम रुकने के लिए अनुकूल तापमान, और आवश्यकता के बिना सालों तक भूख के बिना बिना रह सकते हैं।

वे अधिकांश अधतिल माध्यमों में रह सकते हैं, जैसे कि समुद्र, हिम, या ज्वालामुखी फूटने के बाद के सील के अंदर।
टार्डिग्रेड्स का अद्भुत रुप है, जिन्हें मानवों ने अंतरिक्ष यात्राओं पर भेजने का अभ्यास किया है, और वे सफलता के साथ लौटे हैं।

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5. विज्ञानिक महत्व:

टार्डिग्रेड्स का अध्ययन जीव जगत की अद्वितीयता को समझने में मदद करता है और वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष अनुशासन और दुर्बल अवस्था में जीवों के जीवन की अध्ययन करने में मदद करता है।

6. आपदा स्थितियों में बचाव:

टार्डिग्रेड्स की क्रिप्टोबायोसिस की क्षमता के कारण, वे आपदा स्थितियों में अधिक उत्तरजीवी संबंधित हो सकते हैं, जैसे कि जीवन की समर्पणा, अंतरिक्ष यात्राएँ, या वायुमंडल में अधिक उत्तरजीवी अध्ययन।

7. ज्ञान का विस्तार:

तापमान, अधिकतम रुकने के लिए अनुकूल तापमान, और अद्वितीय जीवनधारा के साथ टार्डिग्रेड्स का अध्ययन अब तक जारी है, और इससे जीवविज्ञान और बायोलॉजी में नई जानकारी मिल रही है।

8. समापन:

टार्डिग्रेड्स दुनिया के सबसे सजीव जीवों में से एक हैं, जिनका जीवन और उनकी अद्वितीयता से जुड़े अनगिनत रहस्यों का पर्दाफाश करना वैज्ञानिकों के लिए आज भी एक रोचक क्षेत्र है। इन छोटे जीवों का अद्वितीय जीवन प्रणाली हमें पृथ्वी के विभिन्न प्राकृतिक संदर्भों के बारे में सीखने का अवसर प्रदान करता है।

water bear

“वॉटर बियर” जिसे हिंदी में “जल भालू” भी कहा जाता है, एक पानी में पाए जाने वाला सूक्ष्मजीव होता है और यह तर्दीग्रेडा फाइलम (phylum Tardigrada) में आता है। इनके बारे में निम्नलिखित हैं:

1. आकार: वॉटर बियर अत्यंत छोटे होते हैं, आमतौर पर लगभग 0.5 मिलीमीटर (mm) लम्बे होते हैं, लेकिन उनका आकार प्रजाति के आधार पर भिन्न हो सकता है।

2. दिखने में: वॉटर बियर का दिखावा विशिष्ट होता है, जिसे अक्सर मोटे, खंडित केटरपिलर्स या छोटे भालू की तरह वर्णित किया जाता है। उनके चार जोड़ों के स्टबी पैर होते हैं, प्रत्येक में कुंजी वाली कीवट होती है, और उनका शरीर मजबूत कटिका द्वारा ढ़का होता है।

3. आवास: वॉटर बियर नम सॉइल, पत्ती की अंधकार, मॉस, और लाइचन्स जैसे विभिन्न पर्यावरणों में पाए जाते हैं। वे विशेष रूप से उनकी प्रतिकूल शर्तों में जीवन जीने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं।

4. सहनशीलता: वॉटर बियर अपनी अत्यधिक सहनशीलता के लिए प्रसिद्ध हैं। वे उन शर्तों में जीवित रह सकते हैं जिनमें अधिकांश अन्य जीवों के लिए जीवनकर्णक होती है, जैसे कि अत्यधिक तापमान, विकिरण, शुष्कता (अत्यधिक सूखापन), और अंतरिक्ष की खोखलाई। वे इसे “क्रिप्टोबायोसिस” नामक एक स्थिति में जाकर प्राप्त करते हैं, जिसमें वे अपना प्रायापारणिक गतिविधि को खो देते हैं और जीवनकर्णक होते हैं।

5. आहार: वॉटर बियर सूक्ष्मजीवों के रूप में खाने का रूप रखते हैं, जैसे कि पौधों के कोशिकाओं, ग्रीन जैविकों, बैक्टीरिया, और छोटे अणुकीटौंटों को। वे अपने शिकार की बाहरी तंतु में से उसकी सारी सामग्री को बाहर की ओर खींचने के लिए एक प्रवेशक स्टाइलेट का उपयोग करते हैं।

6. प्रजनन: वॉटर बियर आपसी संजीवन में प्रजनन करते हैं, जिसमें मादा बिना यौन संगम के अबला पैदा कर सकती हैं। वे अंडों को देते हैं, जो छोटे वॉटर बियर में बदल सकते हैं।

7. वैज्ञानिक महत्व: वॉटर बियर की अद्वितीय सहनशीलता के कारण वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। वैज्ञानिक उनका अध्ययन करके उनकी सहनशीलता के पीछे की विचारधारा को समझने का प्रयास करते हैं, जिसका अंतरिक्ष अन्वेषण और चिकित्सा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग हो सकता है।

8. खोज: वॉटर बियर का पहला विवरण 1773 में जर्मन जीवविज्ञानी जोहान आगस्ट एफराइम गोज़ द्वारा किया गया था। तब से, दुनियाभर में हजारों वॉटर बियर प्रजातियों की खोज की गई है।

संक्षेप में, वॉटर बियर छोटे, सहनशील, पानी में रहने वाले जीवों के रूप में प्रसिद्ध हैं, जिनकी अत्यधिक विशेषताएँ हैं और जीवनकर्णक अन्य जीवों के लिए घातक अवस्थाओं में टिकने की क्षमता है। उनकी अद्भुत विशेषताओं के कारण वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को पूरी दुनिया में लगातार प्रभावित किया जाता है।

tardigrade size

टार्डिग्रेड, जिन्हें अक्सर वॉटर बेयर्स या मॉस पिगलेट्स के रूप में जाना जाता है, अपनी अद्भुत पुनर्संजीवने क्षमता के लिए जाने जाते हैं। टार्डिग्रेड का औसत आकार लगभग 0.5 मिलीमीटर (mm) होता है। हालांकि, इनका आकार प्रजाति और पर्यावरणीय शर्तों के आधार पर लगभग 0.1 mm से 1.5 mm तक विभिन्न हो सकता है। इनके छोटे आकार के बावजूद, टार्डिग्रेड्स के पास जटिल शारीरिक संरचना होती है और वे अत्यधिक उन्नत शरीरिक संरचना के लिए जाने जाते हैं। इनके छोटे आकार के बावजूद, टार्डिग्रेड्स के पास जटिल शारीरिक संरचना होती है और वे अत्यधिक उन्नत शरीरिक संरचना के लिए जाने जाते हैं।

tardigrade lifespan

टार्डिग्रेड (Tardigrade) की जीवनकाल (lifespan) न्यूनतम और माध्यमतम तापमान और पर्यावरणीय शर्तों पर निर्भर करती है। आमतौर पर, इनकी जीवनकाल चंद महीनों से एक साल तक होती है। यह इनके पर्यावरण में पाए जाने वाले तापमान, पानी की उपलब्धता, और आवश्यकताओं के साथ बदल सकती है।
टार्डिग्रेड्स की यह अनूठी क्षमता है कि वे कठिन और अधिकांश अन्य जीवों के लिए अनुभव कठिनीयों तापमान, शुष्कता, और अधिकतम रुकने के लिए अनुकूल तापमान में जीवित रह सकते हैं, जिसके कारण उनकी जीवनकाल विशेष रूप से अनिश्चित हो सकती है।

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